बैतूल। शादी से मना करने पर एक युवती के साथ दुष्कर्म करके उसे कुएं में फेंकने वाले आरोपी को न्यायालय ने प्राकृतिक मृत्यु होने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
शासन की ओर से पैरवी कर रहे सरकारी वकील बलराम कुंभारे ने बताया कि 5 फरवरी 2017 को गढ़ा गांव में एक युवती के साथ दुष्कर्म करके उसे कुएं में फेंकने की वारदात हुई थी। पीड़िता सुबह लगभग 8 बजे पशु चराने अपने खेत में गई थी। उसी समय देवेन्द्र पवार शादी करने का दबाव बनाने लगा। पीड़िता के मना करने पर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जब वह बेहोश हो गई तो आरोपी ने उसे खेत के ही एक कुएं में फेंक दिया।
हालांकि पीड़िता की जान बच गई, लेकिन कुएं में गिरने से उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। 1 घंटे बाद उसके कराहने की आवाज सुनकर गांव के लोगों ने उसे बाहर निकाला। हालांकि रीढ़ की हड्डी टूट जाने से पीड़िता चलने-फिरने में जीवनभर के लिए असमर्थ हो गई, लेकिन उसकी जान बच गई। पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी देवेन्द्र पवार निवासी गढ़ा पर चिचोली थाने में एफआईआर दर्ज की थी।
मामला न्यायालय में चल रहा था। द्वितीय अपर सत्र न्यायालय ने आरोपी देवेन्द्र को धारा 376 (2) के तहत शेष स्वाभाविक जीवन के लिए आजीवन कारावास और धारा 307 के तहत भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी के साथ धारा 506 (2) में 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। सभी धाराओं में 1-1 हजार रुपए का जुर्माना भी किया। शासन की ओर से सरकारी वकील बलराम कुंभारे ने पैरवी की।