मुरैना। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास का लाभ गरीबों तक पहुँचाने के साथ ही मध्यप्रदेश को अग्रणी राज्य की श्रेणी में लाने के लिये राज्य सरकार कृत-संकल्पित है। श्री चौहान आज मुरैना जिले के जौरा तहसील मुख्यालय पर किसान-सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर की माँग पर जौरा नगर और 32 ग्राम की पेयजल व्यवस्था के लिये 18 करोड़, जौरा नगर के विकास के लिये एक करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करने और जौरा महाविद्यालय में विज्ञान एवं वाणिज्य की कक्षाएँ प्रारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने जौरा क्षेत्र में 43 करोड़ 47 लाख की लागत से बनाये जाने वाले 6 पुल का शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिये 9 वर्ष के प्रयासों के बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। आज प्रदेश की सामान्य विकास दर 12 तथा कृषि विकास दर 18 प्रतिशत दर्ज की गई है। उन्होंने विकास गतिविधियों की चर्चा करते हुए कहा कि गत 9 वर्ष में प्रदेश में 90 हजार किलोमीटर सड़कें बनायी गईं। खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिये सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया गया। अब प्रदेश का कृषि रकबा 7 लाख से बढ़कर 24 लाख हेक्टेयर हो गया है। प्रदेश के 12 जिले में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जून माह तक मुरैना जिले में भी 24 घंटे विद्युत सप्लाई प्रारंभ कर दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 1200 रुपये प्रति हार्स-पॉवर की दर से कृषि हेतु विद्युत प्रदान करने तथा 28 फरवरी, 2013 तक लम्बित बिलों का निराकरण करने की योजना बनाई गई है। योजना में शत-प्रतिशत सरचार्ज की माफी तथा 50 प्रतिशत राशि किसान द्वारा तथा 50 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा जमा करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बच्चों और युवाओं से विद्युत आपूर्ति का लाभ उठाकर पढ़-लिखकर अपना भविष्य सँवारने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना का लाभ उठाये तथा राज्य सरकार की गारंटी पर 50 हजार से 25 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त कर स्वयं का उद्योग स्थापित करें।
सम्मेलन में ऊर्जा और खनिज मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, विधायक सर्वश्री शिवमंगल सिंह तोमर, कमलेश सुमन और मनीराम धाकड़, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार, श्री बंशीलाल गुर्जर सहित अन्य जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।