नई दिल्ली !  पूर्वी दिल्ली में पड़ोस में रहने वाले एक 30 वर्षीय व्यक्ति की अमानुषिक यातनाओं और दुष्कर्म की शिकार बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए शुक्रवार को उसे एम्स में भर्ती कराया गया। शुक्रवार को बच्ची की हालत देखने पहुंचे क्षेत्र के सांसद संदीप दीक्षित और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ए.के. वालिया के साथ प्रदर्शनकारियों ने धक्कामुक्की की। हंगामे के दौरान दिल्ली पुलिस के एक सहायक आयुक्त बी.एस. अहलावत ने प्रदर्शनकारी एक युवती को थप्पड़ मार दिया जिसके बाद हंगामा और तेज हो गया। लोगों के विरोध को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने आनन फानन में अहलावत को निलंबित कर दिया और जांच के आदेश दे दिए।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त डी.के. गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “बेहतर इलाज के लिए बच्ची को स्वामी दयानंद अस्पताल से एम्स ले जाया गया है।”
पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में रहने वाली बच्ची का अपहरण उसके पड़ोसी ने 15 अप्रैल को कर लिया था। दो दिनों तक अपने फ्लैट में बंधक बना कर कई बार दुष्कर्म करने वाले ने दरिंदगी की सारी हदें पार की और उसे भूखा-प्यासा रखा।
बुधवार की शाम बच्ची की रोने की आवाज सुनने के बाद परिवार के लोगों ने उसे दरिंदे के चंगुल से आजाद कराया।
दयानंद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक आर.के. बंसल ने संवादाताओं से कहा, “जांच के दौरान हमने बच्ची के गुप्तांग में 200 मिली का बोतल और दो या तीन मोमबत्तियों के टुकड़े पाया। यह पहला मौका है जब मैंने पांच साल की बच्ची के साथ इस तरह की बर्बरता देखी है।”
उन्होंने कहा, “बच्ची के ओठ और गालों पर घाव के अलावा उसकी गर्दन पर भी खरोचें हैं जिससे पता चलता है कि उसका गला दबाने का भी प्रयास किया गया। उसका रक्तचाप सामान्य से नीचे है और जिस समय उसे यहां भर्ती कराया गया था उस समय बुखार भी था।”
उधर बच्ची के परिजनों, पड़ोसियों और आम आदमी पार्टी (एएपी) के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया और आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।
बच्ची का इलाज कर रहे एक चिकित्सक ने बताया कि उसकी हालत ‘गंभीर’ है और अगले 24-48 घंटे उसके लिए बेहद मुश्किलभरे होंगे।
घटना के विरोध में प्रदर्शनकारी शुक्रवार को स्वामी दयानंद अस्पताल के बाहर एकत्र हो गए, जहां बच्ची का इलाज चल रहा था। उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
एएपी की प्रवक्ता अस्वथी मुरलीधरन ने कहा, “पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की। यहां तक कि उसने पीड़ित परिवार को दो हजार रुपये देकर चुप रहने के लिए कहा। इसके अतिरिक्त बच्ची को जिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहां बेहतर चिकित्सा सुविधाएं एवं उपकरण भी नहीं है। हम चाहते हैं कि बच्ची को जल्द से जल्द किसी बेहतर अस्पताल में भर्ती कराया जाए और आरोपी को गिरफ्तार किया जाए।”
वहीं, बच्ची के पिता ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत को लेकर पुलिस से मुलाकात की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत भी दर्ज नहीं की। उसने कहा कि पुलिस ने मुंह बंद रखने के लिए दो हजार रुपये की पेशकश की।

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