ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने हत्या के प्रयास के आरोप में जेल में बंद आरोपी को जमानत पर रिहा करने के लिए अनोखी शर्त लगाई है। न्यायालय ने शर्त लगाते हुए कहा कि आरोपी ने जिस स्कूल में गोली चलाई है, उसके आसपास 100 पौधे रोपने होंगे। उनकी सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड अपने खर्च पर लगाने होंगे। एक साल तक पानी व उनकी सुरक्षा करके पौधों को जिंदा रखेगा। अगर इसमें विफल होता है तो उसकी जमानत निरस्त करने पर न्यायालय विचार कर सकता है। पौधे लगाकर 30 दिन के भीतर आरोपी अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश करे। न्यायमूर्ति शील नागू ने यह फैसला सुनाया है।

मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के खनेता निवासी सिकंदर (19वर्ष) ने 26 जनवरी 2019 को उस वक्त गोली चलाई थी, जब गांव के शासकीय हाईस्कूल में झंडावंदन का कार्यक्रम चल रहा था। यह गोली उसने सरपंच राघवेन्द्र पवैया पर चलाई थी। पहला फायर हवा में किया था, दूसरी गोली सीधी चलाई थी। जो एक कुत्ते को लगी और उसकी मौत हो गई। राघवेन्द्र पवैया ने भिण्ड जिले के एंडोरी थाने में सिकंदर व लल्लू के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया।
भिण्ड जिले की एण्डोरी थाना पुलिस ने सिकंदर को 16 फरवरी 2019 को गिरफ्तार कर लिया। तभी से वह भिण्ड जेल में बंद है। सिकंदर ने ग्वालियर उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि आरोप झूठे हैं। पुलिस चालान पेश कर चुकी है। न्यायालय जमानत की जो शर्तें लगाएगा, उसका पालन किया जाएगा।

न्यायालय ने याचिकाकर्ता, फरियादी व शासन का पक्ष सुनने के बाद आरोपी को सशर्त जमानत दी। जमानत पर रिहा होने के बाद उस स्कूल के आसपास फलदार या छायादार 100 पौधे रोपने होंगे। पौधे रोपने का पूरा खर्च आरोपी को ही वहन करना होगा। ट्री गार्ड लगाने होंगे। उसके बाद पानी देने की जिम्मेदारी भी आरोपी की होगी।
पौधे लगाने के बाद 22 जुलाई तक आरोपी को पौधों के फोटो सहित पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ऑफिस में पेश करनी होगी। अगर पौधे लगाने व उन्हें पालने के उद्देश्य में आरोपी विफल रहता है तो उसकी जमानत निरस्त करने पर कोर्ट विचार कर सकता है।
हाईकोर्ट ने आरोपी के कार्य की निगरानी की जिम्मेदारी थाना प्रभारी व अभियोजन अधिकारी को दी है। कोर्ट ने दोनों को निर्देशित किया है कि दोनों अधिकारी मौके पर जाकर आरोपी के कार्य को देखें। उसने पौधे लगाए हैं या नहीं। थाना प्रभारी अपनी रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट में पेश करेंगे।
हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत देने के बाद याचिका को निराकृत नहीं किया है। उसे लंबित रखा गया है। 22 जुलाई को याचिका की फिर से सुनवाई होगी।

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