मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है सभी राजनैतिक दल जहां अपनी रणनीति बनाने में लगी हुई हैं, वही हथियारों के सौदागर भी किसी से पीछे नहीं है। हथियारों की तस्करी करने बाले भी भारी मात्रा में अन्य प्रान्तों से हथियार खरीदकर एकत्रित कर रहे है जिससे चुनाव के समय इनको बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सके। हालांकि पुलिस भी इस प्रयास में लगी है कि हथियारों की तस्करी पर अभी से रोक लगाई जा सके। पुलिस ने पिछले माह हथियारों के तस्करों को गिरतार कर भारी मात्रा में हथियार भी जप्त किये थे।
उत्तरप्रदेश एसटीएफ और महोबा पुलिस ने संयुक्त रुप से एक गिरोह को पकडा है जिसमें दो महिलायें भी शामिल है जो विदेशी हथियार उत्तरप्रदेश के रास्ते से मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले में लाये जा रहे थे। उत्तरप्रदेश के महोबा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने आज बताया कि उत्तरप्रदेश की लखनऊ एसटीएफ को मुखबिर के जरिये ये सूचना मिली थी कि बिहार से बडी मात्रा में अबैध हथियार मध्यप्रदेश में डिलेवरी करने के लिये जा रहे हैं। एसटीएफ टीम के प्रभारी अजयपालसिंह ने हथियारों की तस्करी करने बालों का पीछा किया और उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित श्रीनगर थाना पुलिस ने इन तस्करों को पकड लिया। पुलिस ने बिहार के मंुगेर निवासी रुकसाना और उसकी पुत्रबधू शहनाज के अलावा उत्तरप्रदेश के रमेशसिंह और हरिश्चन्द्र को पकडा तो इनके पास से 25 बोर की दो और 32 बोर की तीन विदेशी पिस्टल के साथ 8 हथियार और 14 मैंगजीन बरामद की गई है।
भिण्ड पुलिस अधीक्षक आकाश जिन्दल ने बताया कि भिण्ड जिले की सीमा उत्तरप्रदेश के आगरा, इटावा और जालौन जिले से लगती है। उत्तरप्रदेश के रास्ते से भिण्ड में हथियार लाने की फिराक में तस्कर रहते हैं लेकिन पुलिस की चैंकिंग के चलते ये संभव नहीं हो पा रहा है। अभी पिछले दिनों बिहार से भारी मात्रा में अबैध हथियार लाये गये थे लेकिन उन तस्करों को पकड लिया गया था और भारी मात्रा में उनके पास से हथियार भी बरामद किये गये थे।
हथियारों की तस्करी में अब तस्कर महिलाओं का इस्तेमाल करने लगे है। महिलाओं पर पुलिस को कम शक होता है ये महिलायें बिहार से हथियार लेकर चलती है और जहां जिसको डिलेवरी देनी होती है वहां डिलेवरी देकर वापस लौट जाती है।
चुनाव के दौरान लायसेंसी शस्त्रों को थानों में जमा करा लिया जाता है फिर असामाजिक तत्व इन अबैध हथियारों का खुलेआम उपयोग करते हैं। तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद मतदान केन्द्रों पर कब्जा कर लिया जाता ह,ै गोलियां चलती है, मतदान दल को बंधक बना लिया जाता है।