गुना। मध्यप्रदेश के गुना-शिवपुरी लोकसभा में एक मंत्री और सांसद से कहीं ज्यादा महत्व सिंधिया का होता है। सिंधिया यानी महाराज, सिंधिया यानी सरताज, सिंधिया के लिए सबकुछ स्वीकार। आज से पहले तक ज्योतिरादित्य सिंधिया जब भी यहां आते, उनके स्वागत में लोग कमर तक छुक जाते, यह देख सिंधिया का सीना भी चौड़ा हो जाता था लेकिन इस बार बात कुछ और थी। लोकसभा चुनाव में शर्मनाक शिकस्त के बार ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार गुना में थे। कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट रूप से दिखाई दिया कि किस तरह एक हारा हुआ महाराज अपनी सेना और दरबारियों से मिलता है।
आज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उन्होंने मंच पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं के सामने जाकर बैठ गए। चर्चा के दौरान ज्योतिरादित्य का लोकसभा चुनाव में हार का दर्द छलक गया। सिंधिया ने कहा, वे हार की समीक्षा करने के लिए गुना पहुंचे हैं और समीक्षा करने के बाद जल्द ही संगठन को भी दुरुस्त करेंगे।
सिंधिया ने खुद को पार्टी का सिपाही बताते हुए कहा कि वे एक सच्चे सिपाही की तरह अंतिम सांस तक लडेंगे। हार की समीक्षा के लिए सिंधिया ने बंद कमरे में पदाधिकरियों से भी चर्चा की। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी, श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया बंद कमरे के बाहर खडे रहे। सिन्धिया स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से बंद कमरे में मिले।

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