इंदौर| प्रदेश में बिजली का मुद्दा गरमाया हुआ है| सरप्लस बिजली के बावजूद अघोषित कटौती से न सिर्फ आम जनता बल्कि सरकार और कांग्रेस के नेता भी परेशान है| विपक्ष के आरोपों के बीच सरकार बिजली के मुद्दे पर एक्शन में आ गई है और लगातार बैठकों का दौर चल रहा है, लेकिन इन बैठकों में भी बिजली गुल होने के मामले सामने आने आ रहे हैं| इंदौर में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट अस्पतालों में बिजली जाने के मुद्दे पर बैठक कर रहे थे, तभी बत्ती गुल हो गई, इस दौरान अधिकारी बिजली की मुद्दे पर अपने तर्क दे रहे थे कि अचानक बिजली जाने से उनके भी होश उड़ गए| बैठक में मंत्री ने अफसरों पर नाराजगी जाहिर की| उन्होंने कहा कि ये देखो, आपके सामने ही बिजली गुल हो गई। कांग्रेस के शासन में ऐसा क्यों हो रहा है, जबकि प्रदेश में बिजली सरप्लस है। अधिकारियों ने कारण बताया कि खंडवा रोड की ग्रिड पर फाल्ट हो गया। इसलिए बिजली गई है। जल्दी ही आ जाएगी। वहीं टोर्च की रौशनी में बैठक चली, कुछ देर बाद बिजली आई|

दरअसल, एमवाय अस्पताल में पिछले दिनों तीन घंटे लगातार बिजली गुल होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने गुरुवार को रेसीडेंसी कोठी में अफसरों की बैठक ली। उन्होंने अफसरों से पूछा अब यदि किसी अस्पताल में बिजली गुल हुई तो आप लोग क्या व्यवस्था करेंगे। इस पर अफसर बोले- किसी भी हालत में एक घंटे में सप्लाय शुरू कर देंगे। बिजली जाने पर अस्पताल ही हमारी प्राथमिकता होंगे| मंत्री सिलावट ने एमवायएच या सरकारी अस्पतालों में बिजली जाने पर दस मिनट से एक घंटे के अंदर इसे सुधारे जाने का निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यहां पर 15 सौ के लगभग मरीज भर्ती रहते हैं। उनके इलाज में कोई कमी न रहे, यह सबकी जिम्मेदारी है। उन्हें बताया गया कि एमवायएच में 11 केवी की दो लाइन इस समय डाली गई हैं। समय के साथ लोड बढ़ा है। इसलिए अब वहां पर 33 केवीए की दो लाइनों की आवश्यकता है। 33 केवीए की लाइन जोड़े जाने पर फाल्ट की समस्या नहीं आएगी। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने बिजली विभाग के कर्मचारियों व मेडिकल कॉलेज डीन को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने कहा। इसे स्वीकृत करवाने में मदद की बात भी कही। बैठक में बिजली कंपनी के एमडी विकास नरवाल, चीफ इंजीनियर संजय मुहासे, अधीक्षक यंत्री अशोक शर्मा सहित सभी कार्यपालक यंत्री, मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. योति बिंदल, एमवायएच अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर, सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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