भोपाल | अपने बेतुके बयान से मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा कर देने वाले राज्य के आदिमजाति कल्याण मंत्री विजय शाह ने मंगलवार देर रात मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राज्यपाल रामनरेश यादव ने बुधवार को स्वीकार कर लिया। शाह ने रविवार को झाबुआ में आयोजित एक कार्यक्रम में मंच पर मौजूद जनजातीय वर्ग की महिला नेत्रियों पर न केवल टिप्पणी की थी, बल्कि कई द्विअर्थी संवाद भी बोले थे। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी पर भी टिप्पणी की थी।

शाह के बयान को लेकर कांग्रेस ने खूब हंगामा किया। मामला तूल पकड़ने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने उन्हें तलब किया। तोमर से मुलाकात के बाद शाह मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और मुख्यमंत्री चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मुख्यमंत्री ने शाह का इस्तीफा बुधवार सुबह राज्यपाल के पास भेज दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि शाह ने मंगलवार देर रात ही उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया था। तोमर ने कहा कि शाह ने मंगलवार रात उनसे मुलाकात कर मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की। यह उनका अपना फैसला है। वहीं, शाह ने इस्तीफे के साथ मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा गया है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से झाबुआ के कार्यक्रम की सीडी मंगाकर देखने का भी अनुरोध किया है।  शाह ने संवाददाताओं से कहा कि उनके खिलाफ षड्यंत्र किया गया। पार्टी पर किसी तरह का लांछन न लगे, इसलिए उन्होंने त्याग-पत्र दिया है। इस्तीफा देने के बाद शाह भोपाल से खंडवा के लिए रवाना हो गए।

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