नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुम्बई हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अफजल कसाब की अपील पर फैसला सुनाते हुये उसकी फांसी की सजा बरकरार रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने कसाब की अर्जी में रखी गई सभी दलीलों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि देश की संप्रभुता पर हमला होता है तो उसे किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इस अपराध की सबसे बडी सजा मिलनी चाहिये। न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की स्पेशल बेंच ने फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के पास मौत के फैसले को बरकरार रखने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था। कसाब को हत्या, हत्या की साजिश, देश के खिलाफ जंग छेडना, हत्या में सहयोग देने, और आतंकी गतिविधियों को संचालित करने में उसे फांसी की सजा दी गई थी। कसाब और उसके 9 अन्य साथियों ने 26 नवम्बर 2008 को होटल ताज, नरीमन हाउस, ओबरॉय होटल सहित शिवाजी टर्मिनस जैसी महत्वपूर्ण जगह पर इन आतंकवादियों ने कब्जा कर 166 लोगों को मार गिराया था।

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