ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के अतिशय क्षेत्र बरही में तीर्थंकर अजित नाथ दिगंबर जैन मंदिर परिसर में मान स्तंभ के शिलान्यास अवसर पर राष्ट्र संत विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि चार कषायों में एक कषाय मान है। जिस मान के कारण से रावण का पतन हुआ उसी रास्ते पर दुनियां में लाखों लोग चलते हुए पतन के रास्ते में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान के समोशरण में चार रास्ते होते हैं और इन चारों में पहले मान स्तंभ के दर्शन जरूरी है। मान स्तंभ के दर्शन के बाद ही भगवान के समोशवरण में प्रवेश किया जा सकता है। यहां जो भी व्यक्ति मान लेकर आएगा, स्तंभ के दर्शन से उसका मान गलित होगा। इस मान रूपी कषाय के कारण ही समाज में बहुत सारी खामियां हैं।
संत विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि चंबल नदी के किनारे अतिशय क्षेत्र बरही में जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर भगवान अजित नाथ की अतिशयकारी प्रतिमा विराजमान है। यहां देवताओं द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया था। जैन दर्शन में भगवान अजित नाथ इकलौते ऐसे एक तीर्थंकर है जिनके शासन में एक सौ सत्तर (170) तीर्थंकर हुए। इस क्षेत्र की विशेषता यह है कि जो भी व्यक्ति भाव लेकर आस्था से आता है तो उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस अवसर पर अशोक जैन कक्का, रमेश चंद्र जैन, दिनेश चंद्र जैन, सुरेश जैन, प्रभू दयाल जैन, मनोज जैन, पंकज जैन, राजेश जैन, वीरेंद्र जैन, सुनील जैन, उमेश शास्त्री, मीरा जैन, शोभा जैन, मीना जैन, मोतीरानी जैन, सुमन जैन सहित बडी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। प्रतिष्ठाचार्य संदीप शास्त्री रहे तथा संचालन उमेश शास्त्री ने किया।
राष्ट्र संत विहर्ष सागर महाराज का भिण्ड नगर में ससंघ आगमन 28 मई को होगा। मनोज जैन ने बताया संत संघ का आगमन इंदिरा गांधी चौराहा से होगा। डायवर्सन रोड, कलेक्टोरेट चौराहा, माधौ गंज हाट, बजरिया, गांधी मार्केट होते हुए सदर बाजार पहुंचेंगे। जहां धर्मसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद बतासा बाजार स्थित भगवान आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंचेंगे।
गणाचार्य विराग सागर महाराज के परम शिष्य संत विहर्ष सागर महाराज एवं मुनि विजयेष सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया। इसमें मानस्तंभ का शिलान्यास दरबारीलाल जैन (पोरसा) एवं त्यागी व्रती आश्रम का शिलान्यास इन्द्रसेन जैन ने किया। इसी प्रकार संत निवास का शिलान्यास किया गया।
बरही के विशाल मंदिर क्षेत्र में नव निर्मित चौबीसी एवं एक अजित नाथ भगवान की 31 फुट पद्मासन प्रतिमा सुषमा- दिनेश जैन परिवार के द्वारा स्थापित कराई जा रही है। इसी प्रतिमा के सामने ही एक विशाल मान स्तंभ का निर्माण कराया जाएगा।