ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला अस्पताल मुरार में कल गुरुवार को उस वक्त हंगामा हो गया, जब एक स्टाफ नर्स ने यह कहते हुए खुद को कमरे में बंद कर लिया कि वह आत्महत्या कर रही है।। उसका कहना था कि मेडिसिन वार्ड में मरीज अधिक हैं लेकिन अधिकारियों ने नर्सिंग स्टाफ बढाने के बजाय कम कर दिया। कुछ दिन पहले एक नई नर्स दी थी, उसे भी बिना सूचना के वापस ले लिया। ईमानदारी से काम करने के बाद भी अफसर व्यवस्था बनाने के बजाय मानसिक रूप से प्रताडित कर रहे हैं। इसलिए परेशान हो कर आत्महत्या कर रही हूं। इसके बाद उसने सुसाइड नोट लिखकर कलेक्टर को वाट्सएप भी कर दिया। कलेक्टर की सूचना पर पुलिस पहुंची और गेट खुलवाकर नर्स को इलाज के लिए भर्ती कराया।
इस घटना के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. मृदुल सक्सेना और कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल भी वहां पहुंच गए। मुन्नालाल गोयल ने सीएमएचओ से कहा कि अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की जो कमी है, उसे दूर कराएं। सिविल सर्जन ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ की कमी है, फिर भी हमने मेडिसिन में छह नर्सों की ड्यूटी लगाई है। जितनी नर्स हैं, उसी हिसाब से व्यवस्था कर रहे हैं। टीआई अखिलेश पुरी गोस्वामी का कहना है कि नर्स के पति ने आवेदन दिया है। जांच कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ज्योति शर्मा ने सुसाइड नोट कलेक्टर को वाट्सएप पर भेजा। इसमें लिखा कि यदि मुझे कुछ हो जाता है तो उसके लिए अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. विपिन गोस्वामी और मेट्रन निर्मला लूकस व अन्य स्टाफ जिम्मेदार होगा। स्टाफ नर्स द्वारा नींद की गोलियां खाने की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन डॉ. वीके गुप्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने नर्स से गेट खोलने की बोलते हुए कहा कि कोई समस्या है तो बताओ, उसे दूर किया जाएगा। नर्स ने गेट नहीं खोला। उधर, कलेक्टर ने सुसाइड नोट देखने के बाद मुरार थाने की पुलिस को अस्पताल भिजवाया। पुलिस कर्मियों के समझाने के बाद नर्स ने गेट खोला। मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. डीके शर्मा व डॉ. एसके शर्मा ने ज्योति शर्मा को समझाया कि मरीज अधिक हैं और स्टाफ कम हैं, लेकिन हमें काम करना है। अपने और अपने परिवार के बारे में सोचो। पुलिस कर्मियों ने भी कहा कि काम को लेकर परेशानी है तो उसे बैठकर दूर करो। सिविल सर्जन डॉ. एसके शर्मा से बोले- ज्योति का चेकअप करके इसको दवा दो। निर्मला लूकस सहित कुछ नर्सों ने ज्योति को समझाया कि हम काम करने आए हैं, जहां जरूरत होगी, वहां ड्यूटी करनी पड़ती है। इसमें हमारी-तुम्हारी काहे की दुश्मनी। इसी बीच ज्योति शर्मा के पति सर्वेश दंडौतिया भी वहां आ गए। उन्होंने कहा, मेरी पत्नी को आरएमओ, सिविल सर्जन और मेट्रन परेशान कर रही हैं। अगर मेरी पत्नी को कुछ हो गया तो किसी को नहीं छोड़ूगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *