प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की लोकप्रियता के आगे एक बार फिर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की तमाम रणनीति और लुभावने वादे धराशायी हो गई। कांग्रेस करीब एक दर्जन राज्यों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई हैं। उसे 52 सीटें मिल रही हैं। इस बार भी उसे लोकसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा मिलना मुश्किल है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवायी में विपक्ष के चक्रव्यूह को तोड़ते हुए लोकसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटें हासिल कर एक बार फिर इतिहास रच दिया। देश के पश्चिम तथा उत्तरी भाग में ही नहीं बल्कि पूर्वी हिस्से में भी विरोधियों के पैर उखाड़ कर परचम लहरा दिया।

इस शानदार जीत के बाद पीएम मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी से आशीर्वाद लेने उनके घर पहुंचे। पीएम मोदी क साथ अमित शाह भी आडवाणी के घर पहुंचे हैं। बता दें कि मोदी की चुनावी सुनामी पर सवार भाजपा लोकसभा में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली पार्टी बन गई है। ऐसा करने वाली वह कांग्रेस के बाद दूसरी पार्टी है।

‘मोदी सुनामी’ के चलते दक्षिण के तीन राज्यों को छोड़कर पूरा देश मोदीमय हो गया। पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी के नेतृत्व में भाजपा ने जो बुलंदी हासिल की है, उसके सामने अटल-आडवाणी की उपलब्धि भी फीकी पड़ गई है।

पीएम मोदी ने इस मुलाकात की एक तस्वीर टि्वटर पर साझा की है और साथ में लिखा है- “आदरणीय आडवाणी जी के घर जाकर उनसे मुलाकात की। आज भाजपा की यह सफलता संभव हुई है क्योंकि उन (श्री आडवाणी) जैसे महान लोगों ने पार्टी को बनाने और लोगों के सामने नई आदर्शवादी गाथा पेश करने के लिए दशकों मेहनत की है।”

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