मुंबई। मार्च में महंगाई दर 40 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। मार्च में महंगाई दर 5.96 फीसदी रही है, जबकि अनुमान 6.4 फीसदी का था। फरवरी में महंगाई दर 6.8 फीसदी रही थी। पिछले साल मार्च में महंगाई दर 7.6 फीसदी रही थी। हालांकि, जनवरी की महंगाई दर को संशोधित करके 6.62 फीसदी से बढ़ाकर 7.31 फीसदी किया गया है। महीनेदर- महीने आधार पर प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर 9.7 फीसदी से घटकर 7.6 फीसदी रही है। वहीं, मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 4.51 फीसदी से घटकर 4.07 फीसदी रही है। र्इंधन समूह की महंगाई दर 10.47 फीसदी से घटकर 10.18 फीसदी रही है। फरवरी के मुकाबले खाद्य महंगाई दर 11.38 फीसदी से घटकर 8.73 फीसदी रही है।

महंगाई दर से ज्यादा अहम कोर इंफ्लेशन के आंकड़े होते हैं। क्योंकि इसके आधार पर आरबीआई दरों पर फैसला लेता है। महीने-दर-महीने आधार पर मार्च में कोर इंफ्लेशन 3.8 फीसदी से घटकर 3.5 फीसदी रही है। कोर इंफ्लेशन, महंगाई दर और रिटेल महंगाई में गिरावट आने के बाद कर्ज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है। विजया बैंक के सीएमडी, एच एस उपेंद्र कामथ का कहना है कि रिटेल महंगाई और होलसेल महंगाई के आंकड़े नीचे का रुख दिखा रहे हैं। ऐसे में आरबीआई के पास दरें घटाने का मौका बनाता है। 3 मई की क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई दरें 0.25 फीसदी से कम कर सकता है। एचएस उपेंद्र कामथ के मुताबिक रेपो रेट के साथ सीआरआर घटाने के बाद बैंकों को कॉस्ट आॅफ फंड कम होगा। इसके बाद बैंकों के लिए कर्ज सस्ता करना आसान होगा। केयर रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट, मदन सबनवीस का मानना है कि महंगाई में गिरावट जारी रहेगी या नहीं, इस पर आरबीआई की नजर होगी। डीजल और रसोई गैस की में बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ने की आशंका है। साथ ही, खाद्य महंगाई पर भी नजर रहेगी, क्योंकि गर्मियों में फलसब्जयों की कीमतें बढ़ती हैं। मदन सबनवीस के मुताबिक आरबीआई दरें घटाने को लेकर सावधानी बरतेगा और जल्द दरों में कटौती होने की संभावना कम है। आरबीआई को आगामी चुनाव और फूड सिक्योरिटी बिल को ध्यान में रखना होगा। साथ ही, इस साल मॉनसून कैसा रहता है, इस पर भी नजर रहेगी। महंगाई दर के अलावा बाकी आर्थिक आंकड़े भी दरों में कटौती की संभावना की ओर इशारा कर रहे हैं। फरवरी में आईआईपी उम्मीद से बेहतर 0.6 फीसदी पर रही।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *