शिवपुरी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोमवार को शिवपुरी में विवादित बयान दिया। आचार संहिता के बहाने शिवपुरी जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा नेता प्रतिपक्ष की कार कलेक्टर परिसर से 100 मीटर की परिधि से बाहर रोक दिए जाने से गोपाल भार्गव को गुना-शिवपुरी से भाजपा प्रत्याशी केपी यादव के साथ पैदल ही कलेक्टर कार्यालय तक जाना पडा। इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी की रैली में शामिल वाहनों को शहर की परिधि में भी अधिकारियों ने घुसने नहीं दिया।
अधिकारियों के इस व्यवहार से गोपाल भार्गव नाराज हो गए। नाराज हुए गोपाल भार्गव ने बाद में भाजपा की सभा में अधिकारियों को सीधे चेतावनी दे डाली। सभा के मंच से गोपाल भार्गव ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार आते ही एक महीने बाद मध्यप्रदेश में सरकार बदल जाएगी और हमारी सरकार आते ही इन अधिकारियों को इनकी औकात बता दी जाएगी। गोपाल भार्गव ने कहा कि हमारी पार्टी के नेता और पदाधिकारी ऐसे अधिकारियों के नाम नोट कर लें और चुन-चुन कर इन अधिकारियों को निपटाएंगे। ऐसे अवसरवादी अधिकारियों को छोडेंगे नहीं। भाजपा के सभा मंच से गोपाल भार्गव ने अधिकारी व कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जब हमारी सरकार आएगी तो जिन महाराज की गाडी दो दिन पहले कलेक्टर कार्यालय के अंदर तक गई थी उनकी गाडी बाहर होगी और हमारी गाडी अंदर होगी। गोपाल भार्गव ने आरोप लगाए कि शिवपुरी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनकी गाडियों को आचार संहिता का बहाना बनाकर जानबूझकर रोका जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया की गाडियों को कलेक्टर कार्यालय के बाहर तक आने दिया था। श्री भार्गव ने आरोप लगाए कि जानबूझकर सत्ता पक्ष के इशारे पर अधिकारियों ने उनकी गाडियों को रोका। मंच से भाषण देने के बाद पत्रकारों से चर्चा में गोपाल भार्गव ने कहा कि अधिकारियों के इस दोहरे बर्ताव को आयोग संज्ञान में लें और ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करे जो नियम विरूद्ध काम कर रहे हैं। बाद में जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आप इसकी शिकायत करोगे क्या? इस पर उन्होंने कहा कि वह भी अपनी ओर से इस मामले में आयोग को शिकायत करेंगे।