भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश मे बिजली का मुद्दा छाया हुआ है। प्रदेश में बिजली सरप्लस होने के बावजूद बिजली कटौती हो रही है, बीजेपी मुद्दा बनाकर सरकार को घेर रही है, जिसके कारण सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा मंत्री, प्रमुख सचिव उर्जा और बिजली कंपनियों से एक महीने के अंदर जवाब माँगा है। जिसके बाद कंपनी ने लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कार्यपालन यंत्री (ईई), सहायक यंत्री (एई), कनिष्ठ यंत्री (जेई) और लाइनमैन समेत 85 अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड और आउट सोर्स के 89 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया।
बार बार आ रही बिजली की शिकायतों के बाद कंपनी ने 15 जिलों में बिजली के वितरण एवं अन्य विभागीय कामकाज की समीक्षा की थी। जिसके बाद बिजली सप्लाई ठीक से नहीं करने और कर्तव्यों के पालन में लापरवाही को लेकर विद्युत वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने 174 के खिलाफ कार्रवाई की। इनमें कार्यपालन यंत्री (ईई), सहायक यंत्री (एई), कनिष्ठ यंत्री (जेई) और लाइनमैन समेत 85 अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड, जबकि आउट सोर्स के 89 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया। इससे पहले भी अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) आईसीपी केशरी के उज्जौन, इंदौर एवं बडवानी दौरे के साथ ही प्रबंध निदेशक विकास नरवाल के शाजापुर, उज्जैन, देवास, खरगोन, धार, बडवानी दौरे में गंभीर लापरवाही उजागर हुई थी। इसके बाद शुक्रवार को निलंबन और बर्खास्तगी के आदेश जारी किए गए।
सहायक यंत्री अभय पांडे डेली कालेज, सीके चंदेल एचटी सेक्शन सेंट्रल डिविजन, कनिष्ठ यंत्री राहुल यादव सुभाष चौक, भरत जैन तिलक नगर,संजय कुलकर्णी सिरपुर, अमरसिंह सोलंकी डेली कॉलेज शामिल हैं। सस्पेंड होने वालों में इंदौर शहर के 10 लाइनमैन भी शामिल हैं, जबकि आउट सोर्स के 15 कर्मचारी बर्खास्त किए गए।
सहायक यंत्री सुशील कैथवास महू, कनिष्ठ यंत्री अरविंद जैन चिकलौंडा, विपिन जैन सिमरोल, अशोक ठाकुर तिल्लौर और चार लाइनमैन को सस्पेंड किया गया। आठ आउससोर्स कर्मचारी सेवा से हटाए गए। बडवानी ग्रामीण के कार्यपालन यंत्री प्रमोद सोनी पर भी गाज गिरी। इंदौर राजस्व संभाग में 30 कर्मचारी-अधिकारी निलंबित किए गए, जबकि 60 आउट सोर्स कर्मचारी बर्खास्त किए गए। शुजालपुर के कार्यपालन यंत्री पीसी कंसोतिया, उज्जैन पश्चिम शहर संभाग के कार्यपालन यंत्री आरजी भावसार, सात कनिष्ठ यंत्री एवं 44 लाइनमैन को सस्पेंड किया गया।
इधर शुक्रवार को इंदौर में हुई कांग्रेस की बैठक में भी बड़ी लापरवाही देखी गई। यहां लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को गांधी भवन में हुई कांग्रेस की बैठक में अचानक बिजली गुल हो गई। आधा घंटे तक बिजली नहीं आई तो मंत्री जीतू पटवारी ने सीधे सीएमडी को फोन लगाया और पूछा कि आखिर बिजली कैसे गुल हो रही है। अफसर ने जवाब दिया कि एक फेस जाने के कारण ऐसा हुआ है। इस बिजली गुल प्रकरण को अफसरों ने भी गंभीरता से लिया और एक इंजीनियर को निलंबित कर दिया।
हाल ही में सीएम कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती की शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव उर्जा से एक महीने की रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बिजली कंपनियों से भी जवाब माँगा है कि जब प्रदेश सरप्लस बिजली उपलब्ध है तो फिर कटौती क्यों की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगाया जाये कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतों क्यों आ रही है? क्या इसके पीछे कुछ साजिश-षड्यंत्र तो नहीं है? इसकी भी जांच की जाए।