राजवाड़ा पर गृहमंत्री, पूर्व विधायक और कांग्रेस नेताओं को ललकारने वाले सूबेदार (यातायात) अरुण सिंह की फील्ड से छुट्टी कर दी गई। उसकी मनोस्थिति ठीक नहीं है। वह स्ट्रेस में होने के कारण अकसर विवाद करता था। अफसरों ने उसे एंगर मैनेजमेंट कोर्स करने भेजा है।

अरुण सिंह का कहना है मेरी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह नहीं उठे, ऐसा कार्य करता हूं। गरीब लोगों को तो मैं भी हिदायत देकर छोड़ देता हूं लेकिन कोई भाजपा-कांग्रेस नेताओं का नाम लेगा तो मैं नहीं छोड़ूंगा। यह नहीं कि शासन जो बोलेगा वह मैं करूंगा। गलत बिलकुल नहीं करूंगा। मैंने एक हजार रुपए मांगे और 500 की रसीद दी, यह आरोप झूठा है। मेरा एक और वीडियो सामने आया है। वह शिव कार्नर का है। चालक के पास गाड़ी के कागज नहीं थे। वह चिल्लाकर बात कर रहा था। पुलिस की वर्दी पहनी है। चूड़ियां नहीं पहनीं। वे लोग अलग होंगे जो सुनते होंगे, मैं बिलकुल नहीं सुनूंगा। जब तक इस संस्था के लिए काम कर रहा हूं, ईमानदारी से करूंगा। मैं कार्रवाई के दौरान वीडियो बनाता हूं। ऐसे 10 वीडियो हैं मेरे पास। राऊ गोल चौराहे पर जीतू ठाकुर (जनपद सदस्य) भी मेरे पास दादागीरी करने आए थे। उनका भी मेरे पास वीडियो है। मालिनी गौड़ से जुड़े विवेक गौड़ का भी वीडियो है मेरे पास।

मैं आपको बता देना चाहता हूं, जोश, जज्बा, जूनून कोई पैदा नहीं करता है। यह इंसान के भीतर होता है। कल बाइक सवार सुभाष चौक की तरफ से भीड़ में मोबाइल पर बात करते हुए आ रहा था। मैंने रोका और कहा साइड में खड़े हो जाइए। उसने कहा मैं अश्विन जोशी का भानजा हूं। कुछ देर बाद अखिलेश जैन (गोपी) आए और कहा राजवाड़ा पर रहना है तो हमारी बात सुनना पड़ेगी।

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