भोपाल। प्रदेश कांग्रेस जहां भाजपा के कब्जे वाले लोकसभा सीटों पर बड़े नेताओं को उतारने की रणनीति पर काम कर रही है, वहीं भाजपा हर हाल में सीट बचाने की कोशिश में है। इसके लिए दोनों दल बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने को तैयार हैं। भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम चर्चा में है, ऐसे में भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिग्विजय के सामने उतारने की अटकलें हैं। यदि ऐसा होता है तो 16 साल बाद दोनों नेता एक दूसरे के सामने होंगे।

भोपाल लोकसभा सीट लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है। पिछला लोकसभा चुनाव में भोपाल सीट भाजपा के आलोक संजर ने कांग्रेस के पीसी शर्मा को करीब 3 लाख से ज्यादा मतों से हराकर जीती थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस बार भाजपा के कब्जे वाली लोकसभा सीटों पर बड़े नेताओं से चुनाव लडऩे की अपील की है। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने किसी भी सीट से लडऩे का ऐलान कर दिया है। जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ की बात का समर्थन किया है। कांग्रेस में दिग्विजय सिंह का नाम भोपाल लोकसभा सीट से लगभग तय माना जा रहा है, हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने मप्र के किसी भी प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी होने के इंतजार में है। भाजपा सूत्रों के अनुसार कांग्रेस यदि भोपाल से दिग्विजय या फिर अन्य किसी बड़े चेहरों को उतारती है तब भाजपा शिवराज सिंह चौहान या फिर अन्य किसी बड़े नेता को चुनाव मैदान में उतार सकती है।

दिग्विजय सिंह अपने प्रभाव वाली राजगढ़ सीट से चुनाव लडऩे के भी इच्छुक हैं। जबकि शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह को विदिशा से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। उनके समर्थक इसकी लगातार मांग भी कर रहे हैं। पार्टी सूत्र बताते हैं कि यदि दिग्विजय सिंह राजगढ़ से चुनाव मैदान में उतरते हैं तब भाजपा राजगढ़ से साधना या शिवराज में से किसी को भी मैदान में उतार सकती है। पार्टी राजगढ़ सांसद रोडमल नागर का टिकट काटने पर विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ शिवराज सिंह चौहान को राघौगढ़ सीट से उतारा था। तब शिवराज को हार का सामना करना पड़ा था।

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