भोपाल । अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के लाखों कर्मचारी आज सामूहिक अवकाश पर रहे। ऐसा पहली बार है जब कर्मचारियों के सभी संगठनों ने सामूहिक रूप से हड़ताल की है। हड़ताल के दौरान विभिन्न संगठनों द्वारा जगह-जगह पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किए गए।
कार्यालयों में सन्नाटा
मंत्रालय, सतपुड़ा भवन, विंध्याचल भवन सहित राजधानी के विभिन्न कार्यालयों में आज सन्नाटा पसरा रहा। अधिकारी तो आए लेकिन उनके लिए ड्राइवर से लेकर चपरासी तक कोई न था। कैबिनेट तक में कर्मचारियों की कमी देखी गई। (शेष पेज 5 पर)
प्रदेश के लाखों कर्मचारी…
सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के कर्मचारी काम छोड़ दोनों कार्यालयों के बीच बने पार्क में एकत्र हो गए और महंगाई भत्तों, समयमान वेतनमान तथा संवर्गों को न्यूनतम तीन पदोन्नति और वेतनवृद्घि की मांगे दोहराते रहे। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक, मंत्रालय शीघ्रलेखक संघ के अध्यक्ष सुभाष वर्मा, मध्यप्रदेश राजस्व निरीक्षक संघ के महामंत्री पीएस बेदी सहित बड़ी संख्या में कर्मचारीगण यहां उपस्थित रहे।
स्कूल कालेज सूने
हड़ताल का असर स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी रहा है। तृतीय वर्ग कर्मचारी अवकाश पर रहे हैं, जिससे स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कई काम रुक गए। स्कूलों में वे ही शिक्षक पहुंचे, जो पांचवीं और आठवीं का मूल्यांकन कर रहे थे। इन्होंने भी काली पट्टïी बांधकर मूल्यांकन कार्य किया। इसके अलावा दसवीं, बारहवीं के मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षक मूल्यांकन केंद्रों पर पहुंचे। स्कूलों के अन्य शिक्षक और कर्मचारी हड़ताल पर रहे ।
अस्पतालों मेें कम पहुंचे मरीज
हड़ताल की पूर्व सूचना के मद्देनजर आज अस्पतालों में मरीजों की संख्या बेहद कम रही। हमीदिया अस्पताल, जय प्रकाश अस्पताल सहित सभी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं बहाल रही लेकिन रूटीन ओपीडी में कामकाज प्रभावित हुआ। जयप्रकाश अस्पताल में आज सुबह तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष अरूण द्विवेदी, एलएन कैलाशिया, लक्ष्मीनारायण शर्मा आदि ने सभा ली। नर्सों और कर्मचारियों ने सभा भाग लिया और थोड़ी देर बाद काम पर चले गए। कर्मचारियों के मौजूद नहीं रहने से ओपीडी के कई कक्षों में ताला डाला रहा जबकि आपरेशन नहीं हुए।
अफसरों ने खुद ड्राइव की कार
हड़ताल का कामकाजके साथ असर अधिकारियों पर भी पड़ा। आज सुबह कई अधिकारी अपनी कार खुद ड्राइव कर दफ्तर पहुंचे इनमें बीआर नायडू, एमएम उपाध्याय, एसआर मोहंती, राधेश्याम जुलानिया शामिल थे।
हड़ताल के चलते अधिकारियों को चाय-पानी के लिए भी तरसना पड़ा।