ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले में बडी बहन के साथ स्कूल गई 3 साल 5 माह की मासूम को स्कूल के पास मंदिर में रहने वाला बाबा अगवा कर ले गया। बाबा ने मासूम के साथ मंदिर में बने कमरे में दुष्कर्म किया था। इसी दौरान मासूम के मां-पिता उसे खोजते हुए स्कूल पहुंचे। मासूम स्कूल में नहीं थी। मां-पिता उसे खोजते हुए पास के मंदिर में गए तो वहां मंदिर में रहने वाला बाबा मासूम से दुष्कर्म कर रहा था। मासूम के मां-पिता को देखकर बाबा भाग निकला। पिता ने मासूम को साथ लेकर फूफ थाने में केस दर्ज कराया। कोर्ट ने सुनवाई शुरू होने के 22 दिन में आरोपी बाबा को मृत्यु होने तक जेल में रहने की सजा सुनाई है।
डीपीओ प्रवीण दीक्षित ने आज यहां बताया कि 26 अक्टूबर 2018 को 3 साल 5 माह की मासूम अपनी बडी बहन के साथ गांव के स्कूल में पढने के लिए गई थी। दोपहर में बच्ची के पिता घर आए तो मां से बच्ची के बारे में पूछा। मां ने स्कूल जाना बताया। मां-पिता दोनों बच्चियों को लेने स्कूल पहुंचे। स्कूल में बडी बेटी तो मिल गई, लेकिन छोटी बेटी नहीं मिली। मां-पिता बच्ची को तलाश रहे थे। इसी दौरान स्कूल के पास बने मंदिर से चीख सुनाई दी। वे दोनों बच्ची को खोजते हुए मंदिर में बने कमरे की ओर गए तो वहां आरोपी बाबा छत्रपालदास मासूम से दुष्कर्म कर रहा था। मां-पिता के आने से बाबा भाग निकला। पिता मासूम को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराने भिण्ड जिले के फूफ थाने पहुंचे। फूफ थाने की पुलिस ने आरोपी बाबा के खिलाफ मासूम को अगवा कर दुष्कर्म करने और पोस्को एक्ट में केस दर्ज किया। पुलिस की ओर से आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया गया। सुनवाई शुरू होने के 22 दिन में कोर्ट ने आरोपी बाबा को मासूम के साथ अगवा कर दुष्कर्म करने का दोषी पाया। कोर्ट ने बाबा को मृत्यु होने तक जेल में रहने की आजीवन सजा सुनाई और 13 हजार रुपए का जुर्माना किया। सुनवाई के दौरान बाबा ने खुद को निर्दोष बताया था, लेकिन साक्ष्य होने से बाबा बच नहीं पाया।
फूफ पुलिस ने बाबा के कपडों से डीएनए जांच कराई थी। डीएनए रिपोर्ट भी बाबा के खिलाफ आई। इसके अलावा पुलिस की ओर से पेश किए गए साक्ष्य से साबित हो गया कि बाबा ने स्कूल गई मासूम को अगवा कर मंदिर में बने कमरे में दुष्कर्म किया था। आरोप साबित होने पर कोर्ट ने बाबा को सजा सुनाई। डीपीओ प्रवीण दीक्षित का कहना है इस केस को गंभीर अपराधों में चिन्हित किया गया था।