आम बजट में आयकर छूट ढाई लाख से पांच लाख रुपए कर दिए जाने से मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में करीब 10 लाख करदाता आयकर के दायरे से बाहर हो जाएंगे उन्हें टैक्स नहीं लगेगा। देश भर में यह संख्या करीब तीन करोड़ बताई जा रही है। मप्र-छग में अभी 36 से 38 लाख लोग रिटर्न जमा करते हैं, इनमें लगभग एक तिहाई करदाता ऐसे हैं जिनकी आमदनी पांच लाख के आसपास बताई जा रही है।

विभाग का अनुमान है कि नए एलान के मुताबिक दोनों राज्यों के लाखों लोग टैक्स के दायरे से बाहर हो जाएंगे। विभागीय सूत्रों का दावा है कि इस संबंध में अभी बारिकी से गणना होना बाकी है। लेकिन, करीब दस लाख करदाताओं को इस घोषणा से सीधा लाभ होगा। उनके टैक्स दायरे से बाहर हो जाने की वजह से राजस्व में जो कमी आएगी विभाग उसकी भरपाई के लिए अब वैकल्पिक उपाय तलाशेगा। हालांकि बड़ी आय वर्ग के लोगों को बजट में कोई राहत नहीं दी गई है उन्हें कर अदायगी ज्यादा करनी होगी।

आम बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा कर मुक्त आय की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिए जाने के अलावा बचत करने वालों को और भी लाभ होगा। कर विशेषज्ञों का दावा है कि किसी व्यक्ति की आय यदि 8-9 लाख रुपए है और वह बचत के साथ छूट का लाभ लेता है तो उसे भी टैक्स से राहत मिल सकती है। आयकर अधिनियम की धारा 80 सीके तहत मिलने वाली डेढ़ लाख रुपए की छूट, 50 हजार रुपए तक स्टैंडर्ड डिडक्शन, हाउस लोन और ट्यूशन फीस आदि के मद में भी उसे आयकर से छूट का लाभ मिल जाएगा।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने मप्र-छग के लिए इस साल 25 हजार 455 करोड़ रुपए टैक्स वसूली का टॉरगेट दिया है। अगले वित्तवर्ष में करदाता कम हो जाने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए विभागीय अफसरों को उपाय खोजना होंगे। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस निर्णय से मार्केट में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा। अभी जो कारोबारी ढाई लाख रुपए के आसपास अपनी आमदनी दिखाते थे वे अब 5 लाख का ब्योरा देने लगेंगे। बाजार में भी उछाल आएगा। खासतौर पर मंदी की मार झेल रहे रीयल इस्टेट के मार्केट को भी उबरने का मौका मिलेगा।

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