भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री जयंती नटराजन ने आज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोन भोपाल का सूचना आयोग के भवन में शुभारंभ किया। इस अवसर पर ट्रिब्यूनल के चेयरमेन जस्टिस स्वतंत्र कुमार एवं प्रशासनिक जज हाईकोर्ट के.के. लाहोटी व मध्यप्रदेश स्टेट बार कौंसिल के अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय सहित जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा खोसला के अलावा अन्य न्यायाधीश एवं अधिकारी उपस्थित थे।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के शुभारंभ मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पर्यावरण के प्रति जागरुकता भारतीय संस्कृति के मूल में है। हमारे यहां सदियों से पशु, पक्षी, पेड़ और नदियों की पूजा की परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वभाव से प्रकृति प्रेमी हैं। आज प्रकृति और पर्यावरण से खिलवाड़ के कारण सृष्टिï का चक्र बदल गया है। ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या का सामना विश्व को करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 33 प्रतिशत वनक्षेत्र है इसे बनाए रखने के लिए हम प्रतिबद्घ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को हरसंभव मदद करेगी। इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री जयंती नटराजन ने कहा कि हर कीमत पर विकास को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए बल्कि पर्यावरण हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। सही अर्थो में विकास पर्यावरण मित्र ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि भोपाल में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की बैंच स्थापित किया जाना महत्वपूर्ण कदम हैं। हमारी प्रतिबद्घता आम लोगों तक पर्यावरणीय न्याय पहुंचाना हैं। पदूषण रहित स्वच्छ वातावरण आम आदमी का अधिकार है देश को विकास की जरुरत हैं पर प्राकृतिक संसाधनों का सावधानी से उपयोग भी आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि इस ग्रीन ट्रिब्यूनल में कोई भी आम आदमी न्याय के लिए आ सकता है। इस मौके पर प्रशासनिक न्यायाधीश के.के. लाहोटी ने कहा कि इस बैंच से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के लोगों को लाभ मिलेगा। उच्च न्यायालय में लंबित पर्यावरण संबंधी मामले अब इस बैंच को स्थानातंरित कर दिए जाएंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के शुभारंभ मौके पर ट्रिब्यूनल के चेयनमेन जस्टिस स्वंतत्र कुमार, ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर. परशुराम एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा खोसला सहित कई न्यायाधीश एवं अधिकारी उपस्थित थे।