ग्वालियर। एससी-एसटी एक्ट (अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम) के एक मामले में ग्वालियर हाईकोर्ट ने भिण्ड जिले के अटेर के पूर्व विधायक हेमंत कटारे की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। साथ ही इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर कडी नाराजगी जताते हुए याचिकाकर्ता को 10 हजार रुपए की राशि देने का भी आदेश दिया है।
भिण्ड जिले के अटेर थाना में एससी-एसटी एक्ट के दर्ज अपराध क्रमांक 69-2017 में आरोपियों की गिरफ्तारी और अभियोग पत्र पेश करने के मामले में पुलिस की लापरवाही को लेकर पीडित पक्ष ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक याचिका दायर की थी। इस मामले में उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी को आदेश पारित करते हुए भिण्ड पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया है कि वह फरार आरोपी हेमंत कटारे की गिरफ्तारी करें। साथ ही पीडडित पक्ष को समुचित सुरक्षा और एट्रोसिटी एक्ट के तहत मिलने वाले अन्य लाभ दिलाएं। यह सभी कार्रवाई 30 दिन में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में माना है कि पुलिस ने इसमें कानून की गंभीर अवहेलना की है। जस्टिस शील नागू ने आदेश में स्पष्ट किया है कि सरकार चाहे तो पीडित को दी जाने वाली राशि संबंधित दोषी पुलिस अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूल कर सकती है। पुलिस अधीक्षक को इस मामले में 12 फरवरी को उच्च न्यायालय में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है।
भिण्ड जिले के अटेर क्षेत्र के खेरी गांव में कल्याण सिंह जाटव के साथ कुछ लोगों ने मारपीट कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 69-2017 दर्ज किया। वहीं इस घटना के कुछ महीनों बाद फिर से भिण्ड शहर के देहात थाना क्षेत्र के अंतर्गत रेलवे स्टेशन के समीप पीडित कल्याण के साथ मारपीट की गई। इसके बाद भिण्ड देहात थाना पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया। इसी मामले में तत्कालीन अटेर के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) इंद्रवीर सिंह भदौरिया ने जांच के दौरान हेमंत कटारे को भी आरोपी बना दिया था। इसी मामले में बाद में अटेर एसडीओपी इंद्रवीर सिंह भदौरिया को राज्य शासन ने तत्काल रूप से अटेर से हटाकर भोपाल अटैच किया गया था।