भोपाल। भारी हंगामे के बीच बालाघाट जिले की विधायक हिना कांवरे मध्यप्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष चुन ली गईं। विपक्ष के भारी शोर शराबे के बीच स्पीकर एनपी प्रजापति ने कांग्रेस प्रत्याशी हिना कांवरे का प्रस्ताव पढ़ा लेकिन उन्होंने भाजपा के प्रस्ताव को स्वीकार ही नहीं किया। साथ ही उन्होंने कांवरे को उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी। इसी के साथ मप्र विधानसभा के इतिहास में ये पहला मौका है जब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही एक ही पार्टी के हैं।

स्पीकर के इस फैसले का भाजपा ने जबर्दस्त विरोध किया। आसंदी के सामने इकट्ठा होकर भाजपा विधायकों ने काफी समय तक नारेबाजी की। हंगामा थमता नहीं देख स्पीकर स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से कांग्रेस और भाजपा के बीच पैदा हुई कड़वाहट उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भी दूर नहीं हुई। कांग्रेस की हिना कांवरे और भाजपा के जगदीश देवड़ा के नामांकन दाखिल करने के बाद चुनाव की स्थिति बनीं थी लेकिन हंगामे के बीच हिना कांवरे को उपाध्यक्ष चुन लिया गया।

जैसे ही हिना कांवरे के नाम का ऐलान हुआ वैसे ही विपक्ष ने एक बार फिर हंगामा किया और अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के इस्तीफे की मांग पर अड़ गया। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन में पहली बार विधानसभा में परंपराएं टूटी।

भाजपा का विधायकों को दिए थे निर्देश

अध्यक्ष के एकतरफा निर्वाचन के बाद उपाध्यक्ष पद के लिए भी मतदान होने की संभावना के बीच भाजपा ने अपने उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी जगदीश देवड़ा को जिताने के लिए सभी संभाग प्रभारियों से कहा था कि वे विधायकों की मौजूदगी सुनिश्चित करें।

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