भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश सरकार का सबसे बड़ा हथियार कर्जमाफी योजना ही रहेगी। 15 जनवरी को एक साथ पूरी सरकार, विधायक और पार्टी पदाधिकारी किसानों के फार्म भरवाने की शुरुआत करेंगे। इसकी तैयारियों को लेकर मंत्रालय में बुधवार को अनौपचारिक कैबिनेट बैठक हुई।
इसमें मंत्रियों ने प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा से योजना से जुड़ी बारीकियां पूछीं और अपनी जिज्ञासा को भी शांत किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ 15 जनवरी को भोपाल में योजना के तहत किसानों के फार्म भरवाने की शुरूआत करेंगे। इस मौके पर कुछ किसानों से फार्म भी भरवाए जाएंगे।
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद साढ़े 12 बजे से मंत्रालय में कर्जमाफी के मुद्दे पर करीब आधा घंटे अनौपचारिक कैबिनेट बैठक हुई। योजना की बारीकियां मंत्रियों को समझाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा को बुलवाया था।
बैठक में तय किया गया कि 15 जनवरी को एक साथ सभी मंत्री और विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में कर्जमाफी योजना की शुरुआत करेंगे। इसके तहत किसानों के फार्म भरवाए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि योजना को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले पंचायत स्तर पर पहुंचाने की रणनीति बनाई गई है। इस काम में सरकारी तंत्र के साथ पार्टी भी जुटेगी।
सूत्रों के मुताबिक एक मंत्री ने पूछा कि यदि किसान को आवेदन पत्र नहीं मिले तो उस सूरत में क्या होगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि अखबारों में आवेदन पत्र के प्रारूप प्रकाशित किए जाएंगे। इसमें पावती भी रहेगी। इन्हें भरकर किसान जमा कर सकेंगे।
फिर सवाल हुआ कि यदि फार्म भरने से किसान वंचित रह गया तो क्या उसे योजना का फायदा नहीं मिलेगा। इस पर बताया गया कि 26 जनवरी को ग्रामसभा में सूची पढ़ी जाएगी। इसमें यदि किसी किसान का नाम नहीं है और वो पात्र है तो पांच फरवरी तक ग्राम पंचायत में आवेदन दे सकता है। डॉ. राजौरा से यह भी पूूछा गया कि किसानों के खाते में राशि कब से आएगी। उन्हें हम कौन-सी तारीख बताएं। इस पर प्रमुख सचिव ने बताया कि 22 फरवरी से खाते में राशि आने लगेगी। इसके साथ ही किसानों को कर्जमुक्ति प्रमाण-पत्र और सम्मान देने का काम भी शुरू हो जाएगा।
अपेक्स बैंक ने सभी 38 जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को निर्देश दिए हैं कि 11 जनवरी तक किसानों के खातों को आधार से लिंक किया जाएगा। एमपी ऑनलाइन को सीधे अल्पावधि और मध्यावधि फसल ऋण की जानकारी मुहैया कराएं। राजस्व जिला, तहसील और गांव के हिसाब से किसानों की सूची बनाकर दे रहा है, उसमें गांव के नाम की जांच कर लें। बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि समयसीमा का विशेष ध्यान रखें। जानकारी ऑनलाइन अपलोड नहीं हुई तो व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।
सूत्रों के मुताबिक अनौपचारिक कैबिनेट में बताया गया कि कर्जमाफी का फोकस फिलहाल 35 लाख किसानों पर है। इनमें ज्यादातर किसान सहकारी बैंकों के खातेदार हैं। इनकी कर्जमाफी तेजी के साथ हो सकती है, क्योंकि इनकी राशि भी कम है। इसके बाद बाकी बचे 20 लाख किसानों को लिया जाएगा।