भोपाल। हर महीने की पहली तारीख पर मंत्रालय में गूंजने वाला वंदे मातरम का गायन नहीं हुआ। इसी के साथ ये माना जा रहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक-एक कर भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं और परंपराओं को बंद कर रही है। हालांकि दो कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि भूलवश ये आयोजन नहीं हो पाया और सरकार की इस परंपरा को बंद करने की कोई मंशा नहीं है।

वंदे मातरम का गायन हर महीने की पहली तारीख पर होता था। ये परंपरा पिछले 13-14 सालों से निभाई जा रही थी। हर महीने की पहली तारीख को मंत्रालय के सामने स्थित पार्क में अधिकारी-कर्मचारी वंदे मातरम गायन में शामिल होते थे और उसके बाद काम शुरू होता था। लेकिन नए साल की पहली तारीख को ये आयोजन नहीं हुआ। इस मामले में सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। पर भाजपा ने इसे लेकर नाराजगी जाहिर की है।
इसी तरह प्रदेश के खेल मंत्री जीतू पटवारी ने भी कहा कि वंदे मातरम पर सबका अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार नई बनी है, ऐसे में अधिकारी-कर्मचारी थोड़े ज्यादा व्यस्त हैं, लेकिन मैं पता करूंगा कि ये आयोजन क्यों नहीं हो पाया। पर हम वंदे मातरम गायन की परंपरा को जारी रखेंगे। पटवारी ने गायन न होने को गलत बताते हुए कहा कि वंदे मातरम की प्रथा बन्द नहीं होनी चाहिए, गायन क्यों नहीं हो पाया मैं पता करवाउंगा।
उधर भाजपा ने वंदे मातरम गायन नहीं होने पर नाराजगी जताई। भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि आज वंदे मातरम का गायन बंद किया गया है, आने वाले समय में मध्य प्रदेश में भारत माता की जय बोलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। यही कांग्रेस की संस्कृति है। कांग्रेस देश के टुकड़े करने वालों का समर्थन करती है और जो देश की बात करता है उन्हें अपमानित करती है।

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