ग्वालियर। हमारे मंत्री बनने से कोई फर्क नहीं पडता। हम तो पहले भी कहते थे। प्रदेश के लिए मंत्री, भिण्ड के लिए तो संतरी हैं। हम यहां मंत्री जैसे नहीं। कल थे, वैसे ही आज रहेंगे। सत्ता का नशा गोविंद सिंह पर चढता नहीं है। सत्ता तो आती-जाती है। हारना-जीतना लगा रहता है। राजनीति हमारा व्यवसाय या धंधा नहीं है। हम राजनीति में आए हैं, दूसरे लोगों की भलाई के लिए। दो-चार लोगों का दिन में काम कर दिया तो समझते हैं, आज हमारा हनुमान चालीसा का पाठ पूरा हो गया। पंडित कथा वाचने में कहते हैं आत्मा में परमात्मा का वास है। हर आदमी की आत्मा में परमात्मा वसता है तो आत्मा को शांति पहुंचा दो, परमात्मा प्रसन्न हो जाएगा। यह बात प्रदेश के सहकारिता एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कल देर शाम भिण्ड स्थित अपने निवास पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही।
डॉ. सिंह ने कहा भोपाल में हमारे नेता कमलनाथ ने सभी विभागों के प्रमुख सचिव, विभाग अध्यक्ष की मीटिंग ली। उन्होंने कह दिया है सरकार चुने हुए लोग मंत्री चलाएंगे। आप लोगों ने 15 साल सरकार चलाई। अब आप सरकार नहीं चलाओगे। आप हमारे आदेशों का पालन करोगे। जो अधिकारी-कर्मचारी सामान्य जनता की सेवा करेंगे। उनकी सुख-सुविधाओं का ख्याल सरकार करेगी। उनको भी चाहिए वे जिस पद पर बैठे हैं वहां पर गरीब और कमजोर आदमी के लिए काम करें।
डॉ. सिंह ने कहा वर्ष 1985 के बाद से कांग्रेस लोकसभा में हार रही है। इस बार भिण्ड और दतिया में आप लोगों ने 5 सीटें जिताईं हैं। आप लोगों से निवेदन है सरकार 5 साल चलवाना है। आप चाहते हो सुख-सुविधा मिले तो 15 साल का जो वनवास खत्म हुआ है तो आपको लोकसभा की जवाबदारी अभी से संभालना होगी। लोकसभा का चुनाव कांग्रेस के लिए जीवन-मरण का सवाल है। हम दुनियाभर की बात नहीं करें। हम बात करें भिण्ड-दतिया की। इसमें अभी से लग जाएं। जिस ताकत से विधानसभा का चुनाव लडा है। उससे अधिक ताकत से लोकसभा का लडोगे तो भिण्ड की सीट लाख-दो लाख से जीतोगे।
डॉ. सिंह ने कहा हमने तय कर लिया है 7 चुनाव हो गए। शासकीय अधिकारी-कर्मचारी 30-32 साल में रिटायर होता है। हमें भी रिटायर होना चाहिए। कई लोग उदाहरण दे रहे थे कमलनाथ तो 73-74 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बन रहे हैं। हमने कहा विधानसभा के चुनाव में अब नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। तमाम हमारे साथी हैं, जो वर्षों रगडे हैं। टिकट नहीं मिला। हमें सबकुछ मिल गया। कांग्रेस की सरकार बन गई। पहले भी मंत्री रहे। दोबारा मंत्री बन गए। इससे ज्यादा लालच आदमी को होना नहीं चाहिए। परिचित-अपरिचित, जो भी आएगा सरकार के माध्यम से होने लायक काम करेंगे। विधानसभा का चुनाव नहीं लडेंगे, लेकिन पार्टी के लिए काम करेंगे, जो जिम्मेदारी कांग्रेस देगी उसे निभाएंगे।
डॉ. सिंह ने कहा सभी का अनुमान था हमारी 130-132 सीटें आएंगी। 126 से नीचे तो आस ही नहीं थी। पता नहीं क्या हुआ। विंध्य में रीवा संभाग में शहडोल और चित्रकूट में एमएलए बने। बाकी साफ हो गया। मंदसौर-नीमच, किसान आंदोलन चला। 6 किसानों की हत्या हुई। 100 में 80 आदमी से पूछो कहते थे भाजपा का सफाया होना है। राहुल गांधी की रैली हुई, साढे चार-पांच लाख लोग इकट्ठे हुए। बिना बुलाए। पूरी 8 सीट हारना ताज्जुब की बात है। भाजपा कहीं दिखती नहीं थी। पता नहीं क्या करिश्मा हुआ है। इसकी खोजबीन चल रही है। डॉ सिंह ने कहा हमें नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह राहुल भैया ने बताया चुनाव से पहले एक व्यक्ति मिला था। कहा आपकी 80-90 सीटें बता दो। चुनाव हो जाए उसके बाद। 2 करोड एक सीट के चाहिए। 100 करोड अभी दो, बाकी बाद में लेंगे। सभी ने कहा ऐसा कुछ नहीं होता। साढे चार-पांच हजार से चुनाव हार गए। मालवा में भाजपा का विरोध था वहां 8 की 8 सीटें हार गए। नीमच-मंदसौर भी हारे हैं।
डॉ. सिंह ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा, जिन विदेशी राष्ट्रों ने बटन का चुनाव कराया था। वहां भी गडबडी पाई गई। आजकल सॉफ्टवेयर ऐसा है चुनाव के बाद घर बैठे ही मैकेनिज्म करते हैं। सब इधर के उधर हो जाते हैं। अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और कई देशों ने पहले वाला ठपा वाला सिस्टम चालू किया है। पूरा विश्व चिल्ला रहा है ट्रंप को जिताने का श्रेय रूस की सॉफ्टवेयर कंपनी को जाता है। रूस ने बैठे-बैठे ट्रंप को जिता दिया। ट्रंप का कोई हिसाब-किताब नहीं था। अखबारों में समाचार पत्रों में आज भी चल रही है। सिद्व भी हो गया है कि कुछ हुआ है। हम नहीं कहते, लेकिन हो न हो जब विरोधी दलों की मांग है कि पुराना सिस्टम सील लगाकर वोट डलना चाहिए। तो सरकार इसको मानने को तैयार क्यों नहीं है? कानून बना दें। चुनाव आयोग तो कहता है, जैसा कानून बनाओगे वैसी हम प्रक्रिया अपनाएंगे।

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