ग्वालियर। क्राइम ब्रांच की टीम ने शुक्रवार की सुबह बेला की बावड़ी के पास से तीन युवकों को दो साल पहले बंद हो चुकी 7 लाख की पुरानी करेंसी के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी जब्त करेंसी भोपाल से लेकर आए थे। यहां किस के पास चेंज कराने के लिए लाए थे, इसका पता लगाने के लिए पुलिस तीनों युवकों से पूछताछ कर रही है।

पकड़े गए युवकों में से दो शिकोहाबाद यूपी के व एक नरसिंहपुर का रहने वाला है। आरोपित बंद हो चुके 500-500 के नोट किस से लेकर आए थे, उसका नाम तो बता रहे हैं। लेकिन इन नोटों को चेंज कराने कहां ले जा रहे थे? इस सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं।

क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी विनोद छाबई ने बताया कि शुक्रवार की सुबह उन्हें सूचना मिली थी कि बेला की बावड़ी के पास तीन संदिग्ध युवक घूम रहे हैं। इनके पास भारी मात्रा में दो साल पहले बंद हो चुकी पुरानी करेंसी है।

इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी और इन युवकों को पकड़ने के लिए दिनेश राजपूत, जितेंद्र तोमर, शिवराम, लोकेंद्र राणा, लोकेंद्र कुशवाह, विकास व योगेंद्र तोमर की टीम गठित कर संदिग्ध युवकों को तलाशने के लिए बेला की बावड़ी भेजा।

तलाशी लेने पर बंद हो चुके 500-500 के 1400 नोट मिले

पुलिस ने घेराबंदी कर बेला की बावड़ी पर किसी वाहन के इंतजार में खड़े तीनों संदिग्ध युवकों को पकड़ लिया। पकड़े गए युवकों ने अपने नाम श्याम सिंह पुत्र जयवीर सिंह, गौरव पुत्र मुकेट सिंह दिवेकर निवासी शिकोहाबादा यूपी, शुभम पुत्र रामनरेश राजौरिया निवासी अल्पना टॉकीज के पास नरसिंहपुर बताए। संदिग्ध युवकों की मौके पर ही तलाशी लेने पर उनके पास से बंद हो चुकी पुरानी करेंसी के (500-500 के 1400 नोट) सात लाख रुपए मिले।
भोपाल के जुबेद ने बदलने के लिए दिए थे नोट

बंद हो चुकी करेंसी के साथ पकड़े युवकों को क्राइम ब्रांच के ऑफिस लाकर पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि यह रुपए भोपाल के जुबेद ने कमीशन पर बदलने के लिए दिए थे। पुलिस ने उनसे पूछा कि यह करेंसी यहां किस से एक्सचेंज करने के लिए लाए थे।

लेकिन इस सवाल का वे सीधा जवाब नहीं दे रहे हैं। संदिग्ध युवक इस सवाल पर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस अब जुबेद का पता लगा रही है कि उसके पास बंद हो चुकी करेंसी के पुराने नोट कहां से आए। क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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