भोपाल। विधानसभा चुनावों में हार के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए कांग्रेस को वॉक ओवर देने के मूड में नहीं है। 7 जनवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में भाजपा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकती है। हालांकि भाजपा की तरफ से कौन उम्मीदवार होगा, यह अभी तय नहीं है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सरकार में मंत्री पद को लेकर मची खींचतान के बाद भाजपा विधानसभा अध्यक्ष पद पर उम्मीदवार खड़ा कर कांग्रेस की परेशानी बढ़ा सकती है।
भाजपा कांग्रेस से नाराज बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायकों का लाभ लेना चाहती है। हालांकि अभी भाजपा के नेतृत्व ने इसे लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी चाहता है कि भाजपा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करे, क्योंकि विधायकों की संख्या में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। भाजपा के कई वरिष्ठ विधायकों ने भी संघ को यह सुझाव दिया है।
उम्मीदवार खड़ा करने को लेकर भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने अभी फैसला नहीं लिया है। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच इसे लेकर चर्चा नहीं हुई है।
भाजपा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए भी कई दावेदार हैं। माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष पद का निर्णय भाजपा फिलहाल टाल सकती है और पहले सत्र में नेता प्रतिपक्ष के बिना ही कांग्रेस को घेरने की तैयारी करेगी।