शिवपुरी। मध्य प्रदेश में के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा अपने मंत्रीमंडल में शिवपुरी जिले के पिछोर से विधायक केपी सिंह को मंत्री न बनाए जाने से उनके समर्थकों में नाराजगी देखी गई। शिवपुरी जिले के पिछोर में केपी सिंह समर्थक नाराज दिखे। कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बातचीत में इस बात को माना कि केपी सिंह पार्टी के सीनियर लीडर हैं और वह लगातार छह बार से पिछोर से विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं ऐसे मेें केपी सिंह को उनकी वरिष्ठता के आधार पर मंत्री बनाया जाना चाहिए था। कई नेताओं ने कहा कि प्रदेश में 15 साल से कांग्रेस सत्ता से बाहर थी इसके बाद भी पिछोर से विपरीत परिस्थितियों में केपी सिंह भाजपा से लोहा लेते हुए लगातार चुनाव जीत रहे थे और इस बार वह छठवीं बार चुनाव जीते हैं। ऐसे में उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए मंत्री बनाया जाना चाहिए था। कुल मिलाकर उनके समर्थकों को जो आशा थी कि केपी सिंह मंत्री बनेंगे और इस इलाके में उनके प्रभाव से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी उन उम्मीदों पर पानी फिर गया।
केपी सिंह को कमलनाथ मंत्रीमंडल में मंत्री न बनाए जाने के बाद दिनभर यह अटकलें लगतीं रहीं कि सिंधिया गुट के दबाव में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है। वैसे केपी सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का समर्थक माना जाता है। केपी सिंह के मंत्रीमंडल में न लिए जाने के पीछे क्या कांग्रेस के आपसी गुटबाजी इसका कारण रही है यह बात दिनभर चर्चा का विषय बनी रही। स्थानीय स्तर पर यह चर्चा रही कि किसी न किसी के बीटो के कारण उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है।
केपी सिंह को मंत्री न बनाए जाने के बाद उनके कई समर्थकों ने भोपाल में तो नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी किया। कई समर्थकों ने खुलेआम कहा कि कांग्रेस हाईकमान का यह निर्णय सही नहीं है। पहले केपी सिंह की वरिष्ठता को देखते हुए यह तय माना जा रहा था कि कमलनाथ के मंत्रीमंडल में उनका स्थान तय है लेकिन एकाएक उनका नाम मंत्रियों की सूची में न होने से उनके समर्थक निराश देखे गए। भोपाल में प्रदर्शन के अलावा शिवपुरी में केपी सिंह के कई समर्थक मायूस नजर आए।
मप्र में कांग्रेस की नई सरकार बनने के बाद शिवपुरी में केपी सिंह समर्थक खासे उत्साहित थे। केपी सिंह के कई समर्थकों ने तो शिवपुरी के माधव चौक चौराहे पर केपी सिंह को आने वाले समय का नया केबिनेट मंत्री तक मान लिया गया था और चौराहे पर पोस्टर लगवा दिए थे। इन पोस्टरों में केपी सिंह को केबिनेट मंत्री बताते हुए बधाईयों तक दें दी थीं।