इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार धन शोधन और आतंकवाद को धन मुहैया होने के मुद्दे के समाधान के लिए नये कदम उठाने को राजी हो गई है. इसे वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की अगले महीने होने वाली अहम बैठक से पहले पाकिस्तान को काली सूची में डाले जाने से बचने की उसकी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वित्त मंत्री असद उमर ने धन शोधन निरोध पर मंगलवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इसमें ‘आतंकवाद वित्तपोषण जोखिम आकलन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट पेश की गई.

राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण और संघीय जांच एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई यह प्रथम व्यापक जोखिम आकलन रिपोर्ट है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि आतंकवाद वित्तपोषण की जड़ें पाकिस्तान की सीमा से बाहर है. शत्रु एजेंसियां आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया कर आतंकवाद को तूल दे रही है.

अधिकारियों ने बताया कि यह रिपोर्ट उस 27 सूत्री कार्य योजना को लागू करने के तहत तैयार की गई है, जिसे एफएटीएफ ने संदिग्ध सूची से बाहर होने के लिए एक पूर्व शर्त के रूप में पाकिस्तान को सौंपा था. पाकिस्तान को इन 27 कार्यों में 10 चीजों को जनवरी 2019 तक पूरा करने की जरूरत है. एफएटीएफ की अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह की एक टीम के जनवरी के प्रथम हफ्ते में पाकिस्तान का दौरा करने का कार्यक्रम है. यह टीम कार्य योजना पर पाकिस्तान द्वारा की गई प्रगति का आकलन करेगी.

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