भोपाल| मध्य प्रदेश के लिए आज ऐतिहासिक दिन है| प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस का वनवास ख़त्म हुआ है और लम्बे समय से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे लोकप्रिय नेता शिवराज सिंह चौहान ने हार स्वीकारते हुए राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है| बसपा का कांग्रेस को समर्थन का ऐलान के बाद बीजेपी की सरकार बनाने की संभावनाएं ख़त्म हो गई| जिसके बाद शिवराज ने पत्रकारों से कहा कि वह अब सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे और इसके बाद उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को इस्तीफा सौंप दिया|
इस्तीफे के बाद शिवराज ने कहा कि हार की पूरी जिम्मेदारी स्वीकारता हूँ, अब में मुक्त हूँ| दोपहर तीन बजे पूरी चर्चा करूँगा| उन्होंने कहा स्पष्ट बहुमत नही मिलने के कारण इस्तीफा राज्यपाल को दिया है| इस दौरान शिवराज ने कमलनाथ को जीत की बधाई भी दी| इस्तीफे से पहले उन्होंने कहा हमने वोट ज्यादा प्राप्त किये लेकिन संख्या बल में हम पिछड़ गए| जनता के फैसले के आगे मैं शीश झुकाता हु| इसलिए हमने यह फैसला किया है कि सरकार बनाने का दावा पेश नही करेंगे| इससे पहले चुनाव नतीजों को लेकर लगातार सीएम हाउस में बैठकों का दौर चलता रहा, सरकार बनाने की संभावनाओं को नेता तलाशते रहे, आखिरकार बीजेपी इसमें सफल नहीं हो पाई और मामलो सीटों से पीच रही भाजपा के हाथ से चौथी बार का मौक़ा चला गया, वहीं कांग्रेस की 15 साल बाद सत्ता में वापसी हो रही है|
बता दें कि प्रदेश में 28 नवंबर को हुए मतदान के लिए 11 दिसम्बर को मतगणना के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है| कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं, वहीं भाजपा के खाते में 109 सीटें आई है| जबकि बसपा 2 , सपा 1 और 4 निर्दलीय चुनाव जीते हैं| कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है, वहीं कांग्रेस ने आज विधायक दल की बैठक भी बुलाई है, जिसमे सीएम कौन होगा इस प्रस्ताव पर भी सहमति बन सकती है|