दस साल पहले 26/11 को पाकिस्तान से दस फिदायीन मुंबई आए थे। उनमें से एक अजमल कसाब भी था। कसाब अकेला आतंकी था, जो जिंदा पकड़ा गया था। पर उसे अपने जिंदा बच पाने की कोई खुशी नहीं थी। 26/11 केस की जांच से जुड़े इंस्पेक्टर निनाद सावंत ने कहा कि क्राइम ब्रांच लॉकअप में पूछताछ के दौरान कसाब ने कहा था कि उसे लॉकअप में मार दो। वह जिंदा नहीं रहना चाहता।
निनाद सावंत उन दिनों क्राइम ब्रांच की यूनिट तीन से जुड़े हुए थे। गिरगांव में 27/11 को (26/11 की रात) एनकाउंटर हुआ था। उसमें सिपाही तुकाराम ओंबले शहीद हो गए थे। ओंबले की बहादुरी की वजह से ही कसाब का जिंदा पकड़ना संभव हो पाया था। कसाब को गिरफ्त में लेने के बाद नायर अस्पताल में उस जोन के एसीपी घाडगे ने उसका स्टेटमेंट लिया था।
बाद में कसाब के खिलाफ 11 और मामले दर्ज
बाद में यह केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया। चूंकि गिरगांव का विनौली चौक, जहां एनकाउंटर हुआ था, क्राइम ब्रांच की यूनिट-तीन के अंडर में आता है, इसलिए इस केस की जांच इसी यूनिट के तीन अधिकारियों प्रशांत मरदे, दिनेश कदम और निनाद सावंत को सौंपी गई थी। कसाब से पूछताछ के दौरान इनके साथ आईबी और क्राइम ब्रांच के टॉप अधिकारी भी थे। बाद में कसाब के खिलाफ 11 और मामले दर्ज हुए। सभी केसों के अलग-अलग जांच अधिकारी बनाए गए। रमेश महाले को सभी केसों का मुख्य जांच अधिकारी बनाया गया।
दहशत की जोड़ियां
कसाब ने बताया कि मुंबई हमले के लिए उसे समुद्र में स्वीमिंग की भी ट्रेनिंग दी गई थी। उसने यह भी बताया कि जब मुंबई हमले के लिए दो-दो के ग्रुप में पांच जोड़ियां बनाई गईं, तो ट्रेनर ने उन्हीं को जोड़ी में रखा, जिनकी ट्रेनिंग के दौरान आपस में ट्यूनिंग अच्छी थी। फिर सभी जोड़ियों को मुंबई के अलग-अलग टारगेट दिए गए थे। अजमल कसाब और अबू इस्माइल को सीएसटी पर हमले की ट्रेनिंग दी गई। इस वास्ते इन दोनों को कई विडियो दिखाए गए। मुंबई हमले के कई महीने बाद पता चला कि ये विडियो दरअसल डेविड हेडली ने मुंबई की रेकी के दौरान बनाए थे। डेविड हेडली इन दिनों अमेरिका की जेल में बंद है।
फोटो से शिनाख्त
निनाद सावंत कहते हैं कि क्राइम ब्रांच के लॉकअप में हमने कुछ-कुछ वक्त के अंतराल पर उसे ताज, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस, ट्राइडेंट होटल, सीएसटी में मारे गए सभी आतंकवादियों के मरे हुए फोटो दिखाए। इन फोटो को देखकर वह सदमे में आ गया कि अरे, ये तो मर गए, तो फिर मैं क्यों जिंदा हूं? उसी के बाद उसने कहा कि मुझे भी मार दो, मुझे जिंदा नहीं रहना है। बाद में उसने मरे हुए अपने हर साथी का नाम बताया और सबकी शिनाख्त की।
पाकिस्तान में ब्रेनवॉश
पूछताछ के दौरान कसाब से उसके गांव, उसके शहर, उसके परिवार के बारे में पूछा गया। मां के बारे में बात करते-करते वह काफी भावुक हो गया। 28/11 की सुबह-सुबह जब उसे अजान सुनाई पड़ी, तो वह अचंभित हो उठा। उससे जब उसके आश्चर्य की वजह पूछी गई, तो उसने कहा कि उसे पाकिस्तान में बताया गया था कि भारत में मुसलमानों को न तो नमाज पढ़ने दी जाती है और न ही वहां अजान होती है। इस पर मुंबई क्राइम ब्रांच अधिकारियों ने उससे कहा कि यहां मुसलमानों को कोई तकलीफ नहीं। वह फौरन समझ गया कि उसका पाकिस्तान में किस तरह ब्रेनवॉश किया गया था।