नयी दिल्ली : कैश के लिए एटीएम पर निर्भर रहनेवालों लोगों के लिए एक बुरी खबर है. एटीएम संचालकों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (कैटमी) ने बुधवार को कहा कि देश में चल रहे कुल 2,21,492 एटीएम मशीनों में से आधी यानी 1.13 लाख मशीनें मार्च 2019 तक बंद हो सकती हैं. उद्योग संगठन ने कहा कि एटीएम के बंद होने से हजारों रोजगार प्रभावित होंगे. साथ ही सरकार के वित्तीय समावेश के प्रयासों पर भी प्रतिकूल असर होगा.
एटीएम के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन नियमों के गैर -व्यवहारिक नियमों और कैश लोडिंग और कैश मैनेजमेंट के बदले हुए मानकों को लादने के कारण एटीएम मशीनों को बंद करना पड़ेगा.
आंकड़ों के मुताबिक जिन एटीएम मशीनों में सॉफ्टवेयर अपग्रेड करना है उनमें एक लाख करीब ऑफ साइट एटीएम और करीब 15,000 व्हाइट लेबल एटीएम मशीनें हैं. कैटमी ने कहा कि अगर यह एटीएम मशीनें बंद होती हैं, तो एक बार फिर एटीएम के बाहर लोगों की लंबी लाइन देखने को मिल सकती है, जब नोटबंदी के तुरंत बाद कैश के लिए लोग भटक रहे थे. इनमें भी एक बड़ी संख्या गांवों और कस्बों के एटीएम की संख्या है, जो बंद हो सकते हैं.
अमूमन ग्रामीण भागों के एटीएम में कैश की कमी और अनियमितता रहती है. यही नहीं सरकार के प्रधानमंत्री जनधन योजना के लाखों लाभार्थी भी इस संभावित संकट से प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि सरकार ने जनधन योजना के लाभार्थियों को एटीएम से योजना की सब्सिडी राशि निकालने की छूट दे रखी है. इससे इन खाता धारकों की परेशानी बढ़ेगी. बताया जा रहा है कि सर्विस प्रोवाइडर और बैंकों के बीच एटीएम की सर्विस के लिए जो करार किया गया था. वह पुराना हो गया है. पुराने करार में नये खर्च और लागत को कोई जगह नहीं दी गयी है.