जम्मू-कश्मीर पुलिस की सीआईडी यूनिट एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) की हत्या के आरोपी हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक खूंखार आतंकी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा यह आतंकी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सब इंस्पेक्टर इम्तियाज मीर की हत्या में आरोपी है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने अपनी गर्लफ्रेंड के जरिये ही उसने एसआई की लोकेशन की जानकारी हासिल कर हिजबुल मुजाहिद्दीन के अपने साथियों को दी थी, जिसके बाद उसे अगवा कर मार डाला गया था।
भाई टीचर और पिता है कारोबारी
गिरफ्तार आरोपी की पहचान पुलवामा के टिकन बटपुरा गांव निवासी 28 वर्षीय अंसार उल हक के रूप में हुई है। असांर उल हक ने अवंतिपुरा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी से अंग्रेजी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएट किया है। उसके पिता का सेब का बड़ा कारोबार है और उसका एक भाई सरकारी टीचर है जबकि दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। आरोपी पर पिछले महीने की 28 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के छेवाकला इलाके में सब-इंस्पेक्टर 30 वर्षीय इम्तियाज अहमद मीर की हत्या में शामिल होने का आरोप है। इम्तियाज की हत्या अपने कार्यालय से कार में सवार होकर घर जाते वक्त की गई थी। रास्ते में ही एसआई को अगवा कर लिया गया था और गोलियों से छलनी कर मार डाला गया था।
20 दिन से थी दिल्ली पुलिस की नजर
आरोपी अंसार उल हक वारदात के बाद से ही फरार चल रहा था। एसआई का शव बरामद होने के बाद पुलवामा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इस बीच अंसार वहां से भाग निकला था। स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि हमारी टीम को करीब 20 दिन पहले यह गुप्त सूचना मिली थी कि पुलवामा में हुई एसआई की हत्या का एक आरोपी वारदात के बाद दिल्ली भागकर आया था, तभी से हमारी एक टीम उसकी तलाश में जुटी हुई थी। जांच के दौरान यह पता चला आरोपी कुछ दिन दिल्ली में छिपने के बाद मुंबई के लिए रवाना हो गया है। पुलिस उसकी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए थी। इस दौरान यह पता चला कि वह मुंबई से बेंगलुरू गया है और वहां से वह वापस दिल्ली आने वाला है। दिल्ली से वह जम्मू रवाना होगा। इसके बाद स्पेशल सेल की एक टीम को आईजीआई एयरपोर्ट पर तैनात किया गया। जैसे ही आरोपी बेंगलुरू से दिल्ली पहुंचा कि पुलिस ने टी3 से उसे धर दबोचा।
पांच सालों से जुड़ा है हिजबुल से
पूछताछ में आरोपी ने यह खुलासा किया कि वह पिछले पांच सालों से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा था और उन्हें पुलिसकर्मियों से जुड़ी सूचनाएं देता था। मारे गए एसआई इम्तियाज के बारे में भी उससे हिज्बुल के आतंकी जहूर ठोकर ने सूचना मांगी थी। उसके मूवमेंट व लोकेशन का पता लगाने की जिम्मेदारी आरोपी को सौंपी थी।
महिला दोस्त से मिली एसआई की सूचना ली
इसके बाद आरोपी ने अपनी एक महिला दोस्त शाहिद सैकिया को एसआई से जान पहचान करने को कहा। एसआई से दोस्ती होने के बाद उसने सैकिया को उसे अपने साथ लेकर पुलवामा लेकर आने की जिम्मेदारी दी। फिर सैकिया एसआई इम्तियाज के पास गई और उसके कार्यक्रम के बारे में जानकारी ली। उसे जब यह पता चला कि अपने गांव जाएगा तो उसने कहा वह उसे भी छोड़ दे। इसके बाद वह कार में बैठ गई और उसने आरोपी अंसार उल हक को सूचित कर दिया। सूचना मिलते ही अंसार अपनी गाड़ी से इम्तियाज की गाड़ी का पीछा करने लगा और हिज्बुल के आंतकियों को लाइव अपडेट देने लगा। सूचना के आधार पर आतंकियों ने बीच रास्ते में उसे रोका और अगवा कर अपने साथ ले गए और उसे गोलियों से छलनी कर मार डाला।