इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के लिए कुछ नहीं करने संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नवीनतम बयान पर सोमवार को तीखी प्रतिक्रिया की और कहा कि अफगानिस्तान में अपनी विफलताओं के लिए पाकिस्तान को ‘बलि का बकरा’ बनाने के बजाय अमेरिका को यह पता लगाना चाहिए कि तालिबान पहले से भी अधिक मजबूत होकर क्यों उभरा है?
खान का बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही ट्रंप ने यह कहते हुए पाकिस्तान को लाखों डॉलर की सैन्य सहायता रोकने के अपने प्रशासन के फैसले का समर्थन किया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर अंकुश पाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। ट्रंप ने पाकिस्तान की इस बात के लिए भी आलोचना की कि उसने अलकायदा आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अपने छावनी शहर एबटाबाद के समीप छिपने का ठिकाना उपलबध कराया।
आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की अगुवाई में लड़ाई में पाकिस्तान के रिकार्ड का बचाव करते हुए खान ने अपने ट्विटों में कहा, ‘‘पाकिस्तान के खिलाफ ट्रंप के बयान पर रिकार्ड को सीधा-सीधा सामने रखने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई में भाग लेने का फैसला किया जबकि 9/11 के हमले में कोई भी पाकिस्तानी शामिल नहीं था।
उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में पाकिस्तान ने अपने 75,000 लोग गंवाएं और 123 अरब डॉलर से अधिक की बर्बादी हुई। खान ने कहा कि इसके लिए अमेरिकी सहायता क्षुद्रमात्र थी। उन्होंने सुझाव दिया, ‘‘अपनी विफलताओं के लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाने के बजाय अमेरिका को इस बात का गंभीर मूल्यांकन करना चाहिए कि अफगानिस्तान में 140,000 नाटो सैनिकों और 250,000 अफगान सैनिकों को लगाने तथा एक हजार अरब डॉलर खर्च करने के बाद भी तालिबान पहले से आज अधिक मजबूत है।