पुणे : भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच कर रही पुणे पुलिस को इस मामले के तार कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से जुड़ते दिख रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जनवरी में हुई इस हिंसा में कांग्रेस के इस दिग्गज नेता की भूमिका की वह जांच कर रही है। पुणे पुलिस के डीसीपी सुहास बावचे का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी, तो हम दिग्विजय सिंह को जांच में जुड़ने के लिए समन भी कर सकते हैं।
पुणे पुलिस के मुताबिक, उस मामले में जून में गिरफ्तार ऐक्टिविस्ट रोना विल्सन को वॉन्टेड नक्सली नेता मिलिंद टेल्टुम्ब्डे ने खत लिखा था, जिसमें कहा गया था कि कई कांग्रेसी नेता हमारी मदद को तैयार हैं। इसी जांच में पुलिस ने जब गिरफ्तार माओवादी समर्थक नेताओं प्रकाश उर्फ रितुपन गोस्वामी और सुरेंद्र गाडलिंग के मोबाइल नंबरों की पड़ताल की, तो एक नंबर पर उनकी जिनसे बात हुई थी, वह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का निकला।

डीसीपी सुभाष ने माना कि पुलिस की यह जांच बहुत संवेदनशील और हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में सभी ऐंगल से पड़ताल कर रहे हैं।
इससे पहले बीजेपी की तरफ से कांग्रेस के इस बड़े नेता पर नक्सल लिंक का आरोप लगाया गया था। दिग्विजय ने बीजेपी के इस आरोप पर तुरंत कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर बीजेपी मुझपर नक्सली होने के आरोप लगा रही है तो सरकार मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं करती? कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें पहले भी देशद्रोही कहा जा चुका है, इसलिए सरकार उन्हें गिरफ्तार करे। बता दें, बीजेपी नेता संबित पात्रा ने आरोप लगाए थे कि दिग्विजय सिंह के कनेक्शन्स नक्सलियों के साथ हैं।

संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के ऊपर नक्सल लिंक के आरोप लगाए थे। संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह के कथित तौर पर नक्सली कनेक्शन हैं। बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘अगर ऐसा है तो मुझे सरकार गिरफ्तार करे।’ उन्होंने कहा, ‘पहले देशद्रोही, अब नक्सली। अगर ऐसा है तो यहीं से गिरफ्तार करिए मुझे।’

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