भोपाल । शहर की सभी बड़ी कॉलोनियां जीका वायरस की चपेट में हैं। करीब 20 कॉलोनियों में यह वायरस पहुंच चुका है। लिहाजा, अब रोकथाम में भी मुश्किल हो रही है। यही वजह है कि मप्र में जीका वायरस के केस राजस्थान से चार गुना तेजी से बढ़े हैं। राजस्थान में करीब दो महीने में 136 मरीज मिले हैं। प्रदेश में बुधवार को मिले 15 मरीजों के साथ ही 15 दिन के भीतर 124 केस आ चुके हैं। भोपाल में छह दिन में 43 मरीज मिले हैं। यहां अब कुल 48 मरीज हो गए हैं।
भोपाल में कुछ कॉलोनी ऐसी हैं, जहां 4 से 6 मरीज मिले हैं। इनमें गोविंदपुरा और कोलार शामिल हैं। इन कॉलोनियों में अगल-बगल के घरों में जीका के मरीज मिले हैं। मरीजों की तत्काल जांच के साथ ही लार्वा और मच्छर नष्ट करने का काम किया जाता तो संक्रमण नहीं बढ़ता। लार्वा सर्वे के लिए पर्याप्त टीमें नहीं होने की वजह से सर्वे में देरी हुई। टीमें तीन-चार दिन में भी सर्वे पूरा नहीं कर पा रही हैं। मसलन नया बसेरा में 9 नवंबर को जीका का एक मरीज मिला था, जबकि लार्वा सर्वे 12 नवंबर तक भी पूरा नहीं हो पाया था।
यहां मिले जीका के केस
चार इमली, गोविंदपुरा, सर्वधर्म कोलार, अवधपुरी, ईश्वर नगर, नया बसेरा, भीम नगर, शिवाजी नगर, शबरी नगर, बाबा नगर, तुलसी नगर, बाग मुगालिया, बरखेड़ा, अशोका गार्डन, अर्जुन नगर, विकास नगर, दामखेड़ा, बाणगंगा, अमराई।
राजस्थान ने यह रणनीति अपनाई
– जयपुर में शुरू में केस मिले थे। इसके बाद यहां पर हर दिन 250 टीमें लार्वा सर्वे में लगाई गईं। भोपाल में 125 से 140 टीमें ही लग रही हैं।
– 500 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं के नमूने लिए गए। मप्र में सिर्फ पहली तिमाही वाली गर्भवती महिलाओं की जांच कराई जा रही है।
– राजस्थान में जीका वायरस का कौन सा जीन है, इसकी एनआईवी पुणे से तुरंत जांच कराई गई।
– लार्वा मिलने पर 500 से 1000 रुपए जुर्माना किया गया। पर मप्र में जुर्माना नहीं हो रहा।
48 मरीजों में सिर्फ चार लाल चकत्ते वाले
जीका के भोपाल में मिले अब तक 48 मरीजों में लाल चकत्ते के लक्षण वाले सिर्फ चार मरीज मिले थे। बाकी को साधारण बुखार था, लेकिन जांच के बाद वे संक्रमित मिले।
जीका के लक्षण
बुखार, शरीर में चकत्ते, आंखों के पिछले हिस्से, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, आंखे लाल होना।
ऐसे फैलता है जीका वायरस
वायरस से संक्रमित एडीज मच्छर के काटने पर, गर्भवती महिला से शिशु को, यौन संपर्क और संक्रमित खून से।
– जीका से डरने की जरूरत नहीं, 14 नमूने जांच के लिए भेजे
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. अजय बरोनिया ने कहा जीका से आज तक कहीं कोई मौत नहीं हुई है। डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि भोपाल से बुधवार को 14 नमूने जांच के लिए एम्स भोपाल भेजे गए हैं।
स्वाइन फ्लू के दो नए मरीज मिले, दोनों बच्चे
ठंड बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू के मरीज भी मिलने लगे हैं। दो दिन पहले विदिशा के एक मरीज की भोपाल में मौत होने के बाद दो नए मरीज मिले हैं। दोनों बच्चे हैं। उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक दोनों बच्चों की सेहत में सुधार हो रहा है। ठंड बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि स्वाइन फ्लू की पर्याप्त दवाएं स्टाक में हैं। सभी बड़े अस्पतालों में अलग से वार्ड बने हैं।