भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल से सत्ता में रही भाजपा और सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस के बीच कडा मुकाबला होने जा रहा है| इस बार मुख्यमंत्री शिवराज को उनके घर में ही घेरने के लिए कांग्रेस ने ओबीसी चेहरे एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव को चुनावी मैदान में उतारा है, अब यहां दो दिग्गज नेताओं के बीच रोचक मुकाबला है, वहीं मैदान में दो ओबीसी चेहरे हैं| अरुण यादव ने कहा है कि वह अपनी जिम्मेदारी को पूरी जान से निभाएंगे और शिवराज को हराएंगे| वहीं सीएम शिवराज ने भी कांग्रेस का निशाना साधा है, हालांकि उन्होंने अरुण यादव का बचाव किया है|
सीएम शिवराज ने शुक्रवार सुबह भोपाल में कर्फ्यू वाली माता के दर्शन किये| इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की| शिवराज ने अरुण यादव के सामने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा हम सीधे- साधे पिछड़े लोग हैं, कई बार शिकार होते रहते हैं। अरुण यादव के साथ 3 महीने में दूसरी बार अन्याय हुआ है। पहले अध्यक्ष पद से हटाकर उनके साथ अन्याय किया और अब कहीं और से चुनाव न लड़ाकर बुधनी से ही टिकट दे दिया। मैं कार्यकर्ताओं से निवेदन करता हूं कि अरुण यादव को बुधनी में यथाउचित सम्मान मिले, उन्होंने कहा अरुण यादव का स्वागत है|
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कांग्रेस ने सीहोर जिले की उनकी परंपरागत बुधनी विधानसभा सीट से गुरुवार को अपने ओबीसी चेहरे एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव को चुनावी मैदान में उतारा है| हालांकि सीएम बुधनी में प्रचार के लिए नहीं जाते हैं, वह प्रदेश भर में बीजेपी प्रत्याशियों के प्रचार के लिए दौरा करते हैं, इसीलिए कांग्रेस ने रणनीति के तहत अरुण यादव को बुधनी से उतारा है, ताकि शिवराज बुधनी पर फोकस करें और अन्य सीटों पर ज्यादा ध्यान न दे पाए | इस सीट पर दोनों ही पार्टियों से ओबीसी चेहरे हैं, ऐसे में यह मुकाबला रोचक होगा|
ऐसा है बुधनी का इतिहास, कभी कांग्रेस का गढ़ थी यह सीट
बुधनी में करीब 40 फीसदी आदिवासी वोटर्स हैं| यह सीट 1957 में वजूद में आई|बुधनी में 15 चुनाव हुए हैं| इन 15 चुनाव में 6 बार बीजेपी को जीत मिली है तो 5 बार कांग्रेस को जीत मिली है| कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत 1998 में मिली थी| तब देव कुमार पटेल यहां के विधायक बने थे| शिवराज सिंह चौहान 2006 से यहां के विधायक हैं, वहीं 2003 से इस सीट पर बीजेपी जीतती आ रही है| 2013 के चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के महेंद्र सिंह चौहान को 84 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था| शिवराज को चुनाव में 128730 वोट मिले थे| जबकि महेंद्र सिंह चौहान को 43925 वोट ही मिल पाए थे| 2008 के चुनाव में भी शिवराज सिंह चौहान ने जीत हासिल की थी| इस बार उन्होंने कांग्रेस के महेश सिंह राजपूत को हराया था| शिवराज सिंह चौहान को इस चुनाव में 75828 वोट मिले थे| वहीं कांग्रेस के महेश सिंह राजपूत को 34303 वोट मिले थे|शिवराज सिंह चौहान ने इस चुनाव में 40 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी|