नई दिल्ली: ‘आरबीआई (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल(Urjit Patel) या तो सरकार के साथ मिलकर आर्थिक विकास के लिए काम करें या फिर इस्तीफा दें.’ यह कहना है आरएसएस के आर्थिक मामलों के संगठन स्वदेशी जागरण मंच (Swadeshi Jagaran Manch)के अध्यक्ष अश्वनी महाजन का. आरएसएस(RSS) ही केंद्र में मोदी सरकार का वैचारिक सलाहकार है. स्वदेशी जागरण मंच के अध्यक्ष अश्वनी महाजन (Ashwani Mahajan) ने बुधवार को कहा-आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल अपने अफसरों को भी सार्वजनिक रूप से मतभेदों को उजागर करने से रोकें. यदि वह अनुशासन में नहीं रह सकते तो उचित होगा कि वह पद छोड़ दें.

दरअसल, बुधवार(31 अक्टूबर) को मीडिया में कुछ खबरें आईं, जिसमं उर्जित पटेल के आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा देने की संभावना जताई गई. खबरों में कहा गया कि सरकार से इधर बीच खराब हुए रिश्तों के चलते उर्जित पटेल इस्तीफे का कदम उठा सकते हैं. सरकार और आरबीआई के बीच मतभेद तब उजागर हुए, जब बीते शुक्रवार को मुंबई के एक इवेंट में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर डॉ. विरल आचार्य ने कहा था कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को कमजोर करना ‘विनाशकारी’ हो सकता है. जिस पर बाद में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आरबीआई पर भड़ास निकालते हुए कहा था कि जब एनपीए बंट रहा था, तब आरबीआई भी चुप रहा. हालांकि बाद में वित्तमंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि आरबीआई की स्वायतत्ता जरूरी है और इसका सरकार सम्मान करती है. सरकार और आरबीआई को मिलकर जनहित में काम करना चाहिए. स्वदेशी जागरण मंच के प्रमुख अश्विनी महाजन नने कहा कि सरकार को आरबीआई एक्ट के इस्तेमाल का अधिकार है.

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