भोपाल। प्रदेश की मतदाता सूची का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने के बाद चुनाव आयोग इसेे लेकर विशेष एहतियात बरत रहा है। इसे त्रुटिरहित बनाने के लिए नामांकन वापसी तक सुधार का काम किया जाएगा।
मध्यप्रदेश के जिलों ने अभी 24 हजार से ज्यादा मतदाताओं के नाम सुधारने या हटाने का प्रस्ताव दिया है।27 सितंबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची से इनका मिलान करवाया जा रहा है। यदि नामों में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस ने भिंड की लहार और भोपाल की नरेला विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत की है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने मतदाता सूची में सुधार के लिए तीन अधिकारियों की टीम लगा दी है। जिलों ने 24 हजार से ज्यादा मतदाता के नाम में संशोधन या हटवाने के प्रस्ताव दिए हैं। एक-एक नाम का 27 सितंबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची से परीक्षण करवाया जा रहा है।
उधर, कांग्रेस विधायक डॉ.गोविंद सिंह ने गुरुवार को लहार विधानसभा क्षेत्र में उत्तरप्रदेश के निवासियों के नाम सूची में शामिल करने का आरोप लगाया है। इसके प्रमाण भी निर्वाचन कार्यालय को मुहैया कराए गए हैं। डॉ.सिंह ने निर्वाचन अधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी और बूथ लेवल ऑफिसर पर भाजपा के दबाव में काम करने की भी शिकायत की है।
इसी तरह भोपाल की नरेला विधानसभा में मतदाताओं के नाम पर फर्जीवाड़े का आरोप जेपी धनोपिया और मनोज शुक्ला लगा चुके हैं। इसकी जांच भी भोपाल कलेक्टर के माध्यम से कराई गई है। इसमें 1500 से ज्यादा नामों में गड़बड़ी प्रमाणित हो चुकी है और सात सौ नामों को हटाए जा चुके हैं।