इंदौर । इंदौर का मशहूर खाऊ ठिए ’56 दुकान’ को देश का दूसरा क्लीन स्ट्रीट फूड हब बनाने की कवायद शुरू हो गई है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इसका बीड़ा उठाया है। विभाग के जॉइंट कंट्रोलर नवंबर के दूसरे सप्ताह में इसकी प्रगति देखने इंदौर आएंगे।

देश में अब तक सिर्फ अहमदाबाद के कांकरिया लेक पर बनी चौपाटी ही इस पैमाने पर खरी उतरकर क्लीन स्ट्रीट फूड हब का दर्जा पा सकी है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी के मुताबिक दिसंबर के अंत तक 56 दुकान को यह दर्जा मिलने की उम्मीद है। इसका सीधा फायदा इंदौर के लोगों को मिलेगा। उन्हें साफ-सुधरा खाना तो मिलेगा ही, इंदौर को देशभर में अलग पहचान भी मिलेगी।

दर्जा मिलने के बाद 56 दुकान की सारी दुकानों के शेफ, कर्मचारी एक जैसी यूनिफॉर्म में नजर आएंगे। यहां मिलने वाली खाद्य वस्तुएं सिर्फ आरओ के पानी में पकेंगी, हर दुकान के बाहर एक जैसे खाद्य सुरक्षा और स्टैंडर्ड की जानकारी देने वाले बोर्ड होंगे। दुकानों के किचन में भी खाद्य सुरक्षा के तमाम नियम लागू होंगे।

दर्जा मिला तो यह होगा

-हर दुकानदार के पास खाद्य सुरक्षा एवं स्टैंडर्ड नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन होगा। दुकान के बाहर एक जैसे साइन बोर्ड नजर आएंगे जिनमें दुकान का रजिस्ट्रेशन नंबर दिखेगा।
-शेफ और कर्मचारी साफ और धुले हुए कपड़ों में नजर आएंगे। वे बगैर दस्ताने पहने खाना पकाना और परोसना नहीं कर सकेंगे। दुकानों पर ग्राहकों और कर्मचारियों के लिए हैंड वॉश सुविधा भी रहेगी।
-क्षेत्र में संक्रमण बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति की इंट्री नहीं हो सकेगी। ऐसे व्यक्ति जिन्हें छोटी-मोटी चोट लगी है, वे भी घाव को अच्छे से ड्रेसिंग कराने के बाद ही यहां आ सकेंगे।
-पीने के लिए भी आरओ का पानी ही उपलब्ध होगा।
-कर्मचारी चिमटी या चम्मच की मदद से ही मिठाई या खाद्य वस्तुएं सर्व कर सकेंगे।
-हर दुकान पर अनिवार्य रूप से पेस्ट कंट्रोल कराना होगा। यानी दुकानों में मच्छर, चूहे, काकरोच नहीं मिलेंगे।
-खाद्य वस्तुएं बनाने और परोसने के लिए सिर्फ स्टेनलेस स्टील के बर्तन ही इस्तेमाल किए जाएंगे।
-बचे हुए खाने और जूठी खाद्य वस्तुओं के निपटान का पर्याप्त इंतजाम रहेगा।
-समय-समय पर दुकानदार, कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग सेशन आयोजित होंगे।

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