भोपाल। प्रदेश की 14वीं विधानसभा में सवाल पूछने के मामले में कांग्रेस के रामनिवास रावत सबसे अव्वल रहे हैं। जबकि बीजेपी के हाई प्रोफाइल विधायक रमेश मेंदोला ने सिर्फ तीन सवाल ही पूछे हैं। जबकि एंग्लो इंडियन विधायक लारेन बी लोबो ने कोई भी सवाल नहीं पूछा। आरटीआई पर आधारित यह जानकारी मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच ने एक पत्रकार वार्ता में आज गुरुवार दोपहर दी है।

मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच के अरुण गुर्टू पूर्व डीजीपी, रोली शिवहरे, वरिष्ठ पत्रकार सीके नायडू द्वारा ली गई संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया गया है कि कांग्रेस के रामनिवास रावत ने सबसे ज्यादा 620 सवाल पूछे। उन्हीं की पार्टी के मुकेश नायक ने 613, डॉ. गोविंद सिंह ने 612, आरिफ अकील ने 608 और निशंक जैन ने 603 सवाल पूछे।

सवाल पूछने के मामले में सबसे फिसड्डी रहे बीजेपी के विधायक रमेश मेंदोला, जिन्होंने सिर्फ तीन सवाल ही पूछे। बीजेपी के ही नागर सिंह चौहान ने 12 सवाल, नानाभाउ मोहोड ने 14 सवाल, मथुरालाल ने 15 सवाल और राजेन्द्र मेश्राम ने 19 सवाल पूछे। जबकि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने 260 सवाल पूछे।

पार्टी वाइज औसत सवाल पूछने के मामले में बीएसपी सबसे अव्वल रही। बीएसपी के हर विधायक ने औसतन 432 सवाल सदन में पूछे। जबकि कांग्रेस विधायकों ने औसतन 350 सवाल, निर्दलीय ने 250 सवाल और सत्तारूढ़ भाजपा विधायकों ने 197 सवाल पूछे।

मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच की इस रौचक स्टडी में यह बात सामने आई कि 209 विधायकों ने कुल 51 हजार 389 सवाल पूछे। बैठकों की संख्या के अनुपात में साल 2014 में सिर्फ 30 बैठकें हुुईं, जिनमें सबसे कम 3 हजार 363 सवाल ही पूछे गए। जबकि सबसे ज्यादा सवाल 2017 की 33 बैठकों में 14 हजार 826 सवाल पूछे गए।

सबसे ज्यादा सवाल लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और राजस्व विभाग से संबंधित थे। जबकि सबसे कम सवाल जीएडी, सहकारिता और आदिम जनजाति कल्याण से संबंधित थे।

पेश और पास किए गए विधेयकों के मामले में 142 विधेयक पेश किए गए, जिनमें से 135 विधेयक पास हुए। इनमें से 63 विधेयक करीब 46 फीसदी पेश किए जाने के एक महीने के अंदर ही पास हो गए। जबकि दो विधेयक पेश किए जाने के एक साल बाद पास हुए। सबसे ज्यादा पास किए गए विधेयक वित्त, वाणिज्य कर और नगरीय विकास व पर्यावरण विभाग से थे। जबकि सबसे कम विधेयक सामाजिक विकास से जुड़े विभागों के थे, जिनमें महिला एवं बाल विकास, कृषि, सामाजिक न्याय, स्कूल शिक्षा, आदिम जाति कल्याण थे।

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