भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। सरकार ने 50 साल से ऊपर की अविवाहित महिलाओं को भी पेंशन देने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार ने मंदिर प्रबंधन संस्थान की स्थापना को मंजूरी दी। साथ ही पुजारियों के वेतन के लिए सरकार ने कोष बनाया। इधर मेट्रो रेल परियोजना को देखते हुए सरकार ने नए पदों को मंजूरी दे दी है।
शिवराज कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि बैठक में करीब 3 दर्जन प्रस्तावों पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि सामाजिक सुरक्षा के तहत सरकार 50 साल ऊपर की अविवाहित महिलाओं को पेंशन देगी। इसमें 50 से 79 आयु वर्ग की महिलाओं को 300 रुपए महीना और 80 साल से अधिक आयु की महिला को 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। इसके लिए महिलाओं का मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य होगा। आयकर दाता या सेवारत महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
मंदिर प्रबंध संस्थान बनाने का फैसला
सरकार ने प्रदेश में मठ और मंदिरों के प्रबंधन के लिए मंदिर प्रबंध संस्थान बनाने का फैसला किया है। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री रहेंगे। इसके अलावा सनातन धर्म के चार प्रतिष्ठित आचार्य, हिंदुविधि में दक्ष दो वरिष्ठ अधिवक्ता या न्यायाधीश को सदस्य बनाया जाएगा। पुजारियों की आर्थिक मदद और वेतन के लिए दो करोड़ रुपए का पुजारी कल्याण कोष बनाने को भी मंजूरी दी गई।
100 छात्रों को मिलेगी दिल्ली में कोचिंग
बैठक में ये भी तय किया गया कि प्रदेश सरकार प्रतिभावान 100 युवाओं को अखिल भारतीय सेवाओं की परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग दिलाएगी। इसके अलावा कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन मुंबई के माध्यम से सेवारत डॉक्टरों को विशेषज्ञता दिलाने के लिए डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद कुछ नियमों में संशोधन भी करेगी। प्रशिक्षण लेने के बाद डॉक्टरों को 20 लाख रुपए का बांड भरना होगा कि उन्हें आदिवासी क्षेत्रों में सेवाएं देने भेजा जाएगा। इसमें स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के अस्पतालों में स्त्री व शिशु रोग के अलावा निश्चेतना, जनरल मेडिसिन, साइकोलॉजिकल मेडिसिन, पैथालॉजी एवं बैक्टीरियोलॉजी, मेडिकल रेडियोलॉजी एवं इलेक्ट्रॉलॉजी, जनरल सर्जरी एवं इमरजेंसी मेडिसिन में डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे।
मेट्रो के लिए नए पद
भोपाल और इंदौर की मेट्रो रेल परियोजना को निरंतर रखने की स्वीकृति कैबिनेट में दी गई। साथ ही भोपाल और इंदौर में अतिरिक्त प्रबंध संचालक के दो पद निर्मित किए गए। परियोजना लागत की 50 फीसदी राशि का इंतजाम विदेशी वित्तीय संस्थानों से होगा। 10 प्रतिषत की राशि मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड आंतरिक कर्ज बांड या पीपीटी के माध्यम से जुटाई जाएगी। इसके लिए सरकार गारंटी देगी। बैठक में ये भी तय किया गया कि जबलपुर और ग्वालियर में मेट्रो रेल के लिए फिजिबिलिटी स्टडी कराई जाएगी। इसकी रिपोर्ट के बाद आगे की रणनीति तय होगी।

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