इंदौर । ई-वे बिल में अब छोटी-मोटी गलतियों पर तगड़ा फाइन नहीं लगेगा। जीएसटी काउंसिल के ताजा नोटिफिकेशन से कारोबारियों को राहत मिल गई है। बीते दिनों इंदौर वाणिज्यिक कर विभाग की टीम ने एक ट्रक पकड़ा था। पुणे से नोएडा ले जा रहे कार्गो कंपनी के ट्रक के साथ ई-वे बिल में गलती पाई गई थी। गाड़ी बदलने पर ई-वे बिल के पार्ट बी में नए वाहन का नंबर नहीं डाला गया था। इस पर विभाग ने परिवहनकर्ता पर 1.32 करोड़ की पैनल्टी लगा दी थी।

इतने ज्यादा फाइन पर विरोध उठा था, लेकिन नियमों का हवाला देकर विभाग ने भी हाथ खड़े कर दिए थे। अधिकारियों ने साफ किया था कि छोटी पैनल्टी लगाने का प्रावधान जीएसटी के नियमों में तभी है जब कर की राशि 5 हजार से कम हो। संयुक्त आयुक्त (वाणिज्यिक कर) सुदीप गुप्ता के मुताबिक इसी मुद्दे को जीएसटी काउंसिल के सामने प्रस्तुत किया गया था। इसी के बाद हाल ही में संशोधन के नए परिपत्र जारी किए गए हैं।

…तो अधिकारी ले सकते हैं निर्णय

गुप्ता के मुताबिक नए परिपत्र में ई-वे बिल में छह तरह की त्रुटियों को मामूली त्रुटि मानकर परिभाषित किया है। इनके होने पर प्रत्येक कंसाइनमेंट में सिर्फ 1 हजार रुपए की पैनल्टी लगाई जाएगी। इसके लिए इन छह तरह की गलतियों को पैनल्टी वाली धारा 129 से बाहर कर सामान्य पैनल्टी की धारा 125 के अंतर्गत कर दिया गया है। ऐसी कोई गलती सामने आती है जिसका उल्लेख नहीं है तो अधिकारी अपने विवेक अनुसार उसमें निर्णय लेकर पैनल्टी तय कर सकता है।

इन गलतियों पर मिली राहत

1-माल भेजने या पाने वाले कंसाइनर के नाम की स्पेलिंग में गलती।

2-माल भेजने या पाने वाले के पिनकोड में गलती लेकिन पता सही हो।

3-माल प्राप्तकर्ता के पते में गलती है लेकिन पता ठीक समझ आता हो।

4-ई-वे बिल के इनवॉइस, बिल या डिलिवरी चालान आदि के नंबर में एक या दो डिजिट की गलती।

5-एचएसएन कोड की पहली प्रविष्टियां ठीक हों, बाद की गलत लेकिन कर ठीक जमा किया हो।

6. ई-वे बिल में अंकित और वास्तविक वाहन के नंबर में एक-दो डिजिट का अंतर हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *