भोपाल । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ साल पहले मध्यप्रदेश के जिस नाबालिग बच्चे को अखबार बेचते हुए देखकर पढ़ाने का वादा किया था, आज वह ठेला लगाकर परिवार को पाल रहा है। बच्चे की मौजूदा स्थिति पर प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस ने राजनीति शुरू कर दी है। भाजपा ने जहां सोमवार को राहुल गांधी के भोपाल प्रवास पर उसे मीडिया के सामने प्रस्तुत किया तो कांग्रेस ने मंगलवार को पलटवार करते हुए तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश दिलाने के वादे को याद दिलाया।

भोपाल के रोशनपुरा चौराहा स्थित झुग्गी बस्ती में रहने वाले नाबालिग बच्चे कौशल शाक्य को राहुल गांधी ने करीब साढ़े पांच साल पहले भोपाल प्रवास के दौरान अखबार बेचते हुए देखा था। अखबार के बदले एक हजार का नोट देने पर जब उसने मना किया तो उसकी खुद्दारी के व्यवहार से खुश होकर पढ़ाई का खर्च कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए जाने का वादा किया था। मंगलवार को नईदुनिया ने जब कौशल से संपर्क किया तो वह रोशनपुरा में एक ठेले पर अपने बड़े भाई जुगल के साथ बैठा मिला।

पढ़ाई छोड़ दी

कौशल ने बताया कि वह श्यामला हिल्स स्थित डॉ. राधाकृष्णन हाईस्कूल में पढ़ता था और छठवीं के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। उसे कांग्रेस से कुछ महीने ही पढ़ाई के लिए फीस मिली। कांग्रेस नेता साजिद अली ने अपने कॉलेज में उसके बदले बड़े भाई जुगल को काम दिया था। पिता काम करने की स्थिति में नहीं है, जिससे परिवार उन पर ही आश्रित है।

भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

भाजपा ने राहुल गांधी के भोपाल आने पर सोमवार को भाजपा दफ्तर में बच्चे को लेकर मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने उसे अधर में छोड़ दिया है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस ने बच्चे की पूरी मदद की है। उसके भाई को नौकरी दिलाई थी और उसी स्कूल में पढ़ाई का इंतजाम किया था, लेकिन उसने पढ़ाई नहीं की। गुप्ता ने कहा कि भाजपा की एनडीए सरकार की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उसे केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश का आश्वासन दिया था। भाजपा अपनी मंत्री के आश्वासन को पूरा करे, फिर कांग्रेस पर आरोप लगाए।

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