इंदौर। खाने-पीने के मामले में इंदौर इतना ख्यात है कि नीति आयोग ने यहां इस क्षेत्र में नए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इंक्यूबेशन सेंटर बनाया है। इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप सेंटर से 10 करोड़ रुपए तक की फंडिंग (अनुदान) ले सकते हैं। आयोग अटल इनोवेशन मिशन के तहत स्टार्टअप को मदद करने के लिए देशभर में अटल इंक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) स्थापित कर रहा है। इंदौर के प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस को खाने, कृषि और टेक्नोलॉजी से संबंधित स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए इंक्यूबेशन सेंटर बनाया गया है।

आईआईएम इंदौर सहित देशभर के 4 हजार शिक्षण संस्थानों ने इंक्यूबेशन सेंटर बनने के लिए नीति आयोग को आवेदन किया था। इनमें से 80 शिक्षण संस्थानों का चयन किया गया है और पहले फेज में 40 संस्थानों को 10-10 करोड़ की राशि दी गई है। भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय को पत्रकारिता में काम करने वालों के लिए और रायसेन के आईसेक्ट विश्वविद्यालय को इंडस्ट्रीज क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप को भी आगे बढ़ाने के लिए सेंटर बनाया गया है। 17 सितंबर को देशभर के 40 सेंटर की शुरुआत एक साथ होगी।

हर 200 किलोमीटर में होंगे सेंटर

देश के हर 200 किलोमीटर के क्षेत्र में स्टार्टअप को मदद करने के लिए इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। 10 हजार स्क्वेयर फीट में सेंटर बनाए गए हैं। इंदौर में यह 12 हजार स्क्वेयर फीट में बनाया गया है। इसमें खाने, कृषि और टेक्नोलॉजी संबंधी स्टार्टअप को मदद की जाएगी।

खाने के क्षेत्र में काम होगा

एआईसी प्रेस्टीज इंस्पायर फाउंडेशन के सीईओ डॉ. पुनीत द्विवेदी ने बताया इंदौर खाने के लिए देशभर में जाना जाता है। इंदौर में खाने से संबंधित और भी कई काम करने की संभावनाएं हैं। आवेदन करने के पहले इससे संबंधित सभी जानकारी एकत्रित की गई थी। नीति आयोग के अधिकारियों के सामने इंदौर में खाने और कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं को लेकर प्रजेंटेशन दिया गया था। आईआईएम इंदौर और अन्य संस्थानों ने ई-कॉमर्स, टेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों में काम करने के लिए आवेदन किए थे, लेकिन इनका चयन नहीं हो पाया।

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