असम में हुए लागू हुए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के मुद्दे पर काफी राजनीतिक बवाल मचा था. अब भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव ने इस मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है. सोमवार को राम माधव ने कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में शामिल नहीं किए जाने वाले लोगों का मताधिकार छीन लिया जाएगा और उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, सेमिनार में माधव ने कहा कि 1985 में हुए ‘असम समझौते’ के तहत एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है, जिसके तहत सरकार ने राज्य के सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी.
उन्होंने कहा, ‘‘एनआरसी से सभी अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी. अगला कदम ‘मिटाने’ का होगा, यानी अवैध प्रवासियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे और उन्हें सभी सरकारी लाभों से वंचित कर दिया जाएगा. इसके अगले चरण में अवैध प्रवासियों को देश से बाहर कर दिया जाएगा.’’
अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकाले जाने पर भारत को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करने की स्थिति की बात कहने वालों पर निशाना साधते हुए माधव ने कहा कि बांग्लादेश भी म्यांमार के साथ सक्रिय बातचीत कर रहा है ताकि लाखों रोहिंग्या लोगों को वहां से बाहर निकाला जा सके. म्यांमार में अत्याचार का शिकार होने के बाद लाखों रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है.
माधव ने कहा कि दुनिया में कोई भी देश अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करता, लेकिन भारत राजनीतिक कारणों से अवैध प्रवासियों के लिए ‘‘धर्मशाला’’ बन गया है.
राम माधव ने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि NRC का पहला प्रयास 1950-51 में किया गया था, जब एक्ट बना था. तब तो बीजेपी पैदा भी नहीं हुई थी और तब जवाहर लाल नेहरू ही प्रधानमंत्री थे. इसलिए मैं कहता हूं कि उनके द ग्रेट ग्रैंडसन को अपनी पार्टी का इतिहास पढ़ना चाहिए.
मुख्यमंत्री बोले- पूरे देश में लागू हो NRC
इस बीच, भाजपा के ही नेता और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाए. ‘एनआरसी: डिफेंडिंग दि बॉर्डर्स, सेक्यूरिंग दि कल्चर’ विषय पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि भारत के वाजिब नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने और एनआरसी की अंतिम सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा.
‘रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी’ नाम के थिंक-टैंक की ओर से आयोजित सेमिनार में सोनोवाल ने कहा, ‘‘एनआरसी सभी राज्यों में लागू की जानी चाहिए. यह ऐसा दस्तावेज है जो सभी भारतीयों का संरक्षण कर सकता है. असम में एनआरसी में शामिल नहीं किए जाने वाले लोग अन्य राज्यों में जा सकते हैं, इसलिए हमें ठोस कदम उठाना होगा.’’