अमूमन देखने में आता है कि किसी भी आइकन या विभूति को पुष्पचक्र चढ़कर सम्मान और विदाई दी जाती है। परंतु पूर्व केन्द्रीय मंत्री और गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ ऐसे अटलजी को सम्मान दिया वहां मौजूद सभी लोग अचंभित रह गये।
सिंधिया अटलजी की पार्थिव देह के सामने सम्मान के लिए पहले खुद पूरे झुक गये और फिर घुटने के बल बैठकर धरती मां को चूमकर अटलजी को नम आंखों से नमन किया। यहां बता दें कि सिंधिया का अटलजी को अलग ही रिश्ता था। जब सिंधिया पहली बार सांसद बने थे अपनी माताश्री माधवीराजे के साथ दिल्ली में अटलजी के निवास पर पहुंचकर भेंट की थी और काफी देर तक उनकी हंसी खुशी माहौल में वार्तालाप हुई थी। अटलजी राजमाता के जमाने से सिंधिया राजपरिवार के बेहद करीबी थी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री कै. माधवराव सिंधिया से भी उनके काफी मधुर संबंध थे। वैसे भी अटलजी के शब्दों में ही उनकी एक बात काफी निराली थी मतभेद हो सकते है पर मनभेद नहीं। ऐसे अटलजी को सिंधिया ने नम आंखों से विदाई देते हुये कहा कि मैंने अपने परिवार को सबसे अच्छा साथी खो दिया है।
गत रोज सिंधिया ने जनसभा के दौरान जैसे ही अटलजी के निधन की खबर मिली तो सभा रोककर दो मिनिट का मौन रख सभा को निरस्त कर दिल्ली रवाना हो गये थे। सिंधिया ने अपने आगामी मध्यप्रदेश के सभी तीन दिन के कार्यक्रम भी निरस्त कर दिये है।