नई दिल्ली: देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने के मुद्दे पर आज बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लॉ कमीशन के चेयरमैन से मिला. प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, भूपेंद्र यादव और अनिल बलूनी शामिल थे. बीजेपी लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के पक्ष में है. पिछले दिनों लॉ कमीशन ने सभी दलों से राय मांगी थी.
बीजेपी ने अपनी दलील में कहा कि लगातार चलते रहने वाली चुनावी प्रक्रिया के कारण विकास कार्य प्रभावित होते हैं. हमारा मत है कि जनप्रतिनिधित्व कानून में ज़रूरी संशोधन हो और 2024 तक इस पर सहमति बनाकर संसद में ज़रूरी कानूनी संशोधन पारित कराया जाना चाहिए.
बीजेपी ने चुनाव आयोग को सौंपे गये पत्र में कहा कि हमारा मानना है कि इससे चूनावों पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ भी कम होगा और व्यवस्था भी बेहतर होगी. 4 हज़ार करोड़ का खर्च बीते लोकसभा चुनाव पर हुआ. देश में 9.30 लाख पोलिंग बूथ हैं जिसके चुनाव में 1 करोड़ कर्मचारी लगते हैं. इस संसाधन का एक चुनाव के दौरान ही समुचित इस्तेमाल हो और देश पर बार बार पड़ने वाला चुनाव का बोझ कम हो सके. पार्टी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मामले पर जो व्यापक चर्चा शुरू हुई है उसपर सहमति बने.
वहीं कई विपक्षी दल एक साथ चुनाव के पक्ष में नहीं है. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, वामदल, आईयूएमएल, एआईएडीएमके, गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने विरोध किया है. वहीं कांग्रेस ने एक साथ चुनाव कराए जाने के मुद्दे पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने कहा है कि बीजेपी अगर एक साथ चुनाव चाहती है तो 2019 लोकसभा चुनाव से ही इसे लागू करे.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कहना है कि संविधान के बुनियादी ढांचे को बदला नहीं जा सकता. हम एक साथ चुनाव कराने के विचार के खिलाफ हैं. ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. एक साथ चुनाव कराए जाने पर चुनाव आयोग का कहना है कि वह एक साथ चुनाव करवाने में सक्षम है, बशर्ते कानूनी रूपरेखा और लॉजिटिक्स दुरुस्त हो.
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सरकार का मानना है कि एक साथ चुनाव कराए जाने से खर्च, समय और मैन पावर में कमी आएगी. वहीं विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार के फैसले से राज्यों को नुकसान होगा. एक तरह की सरकार को बल मिलेगा, यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर विचार करने की बात कर चुके हैं. उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि विपक्षी दल इसपर विचार करे.

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