लाहौर । पाकिस्तान में इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने का भारत पर कैसा असर होगा? यह तो अब आने वाला वक्त बताएंगे, लेकिन यह अभी से साफ हो गया है कि इमरान खान चीन के साथ मधुर संबंधों को बनाकर रखना चाहते हैं। दरअसल, क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) ने पाकिस्तान-चीन संबंधों पर जोर देते हुए कई ट्वीट किए हैं।

‘CPEC की दिशा में बढ़ना चाहता हैं’

पीटीआइ ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ‘हम चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत करेंगे और उन्हें सुधारेंगे। हम सीपीइसी की सफलता की दिशा में काम करना चाहते हैं। हम चीन से गरीबी उन्मूलन सीखने के लिए टीम भेजना चाहते हैं। गरीब को कैसे ऊपर उठाया जाए, ताकि वो दो रोटी खा सके।’

पीटीआइ की ओर से किए गए अगले ट्वीट में कहा गया कि दूसरी बात जो हमें चीन से सीखनी चाहिए, वह यह है कि हम भ्रष्टाचार को कैसे रोक सकते हैं। हम इसे खत्म करने का उदाहण पेश कर सकें।

बता दें कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीइसी) चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान का राष्ट्रीय हाइवे प्राधिकरण (एनएचए) वित्तीय संकट का सामना कर रहा है, जिस कारण परियोजना आगे नहीं बढ़ पा रही है। कई सड़कों के निर्माण का काम रुका हुआ है।

चीन ने PTI के ट्वीट को सराहा

इन ट्वीट के जवाब में पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा लिखा गया, ‘चीन दोनों देशों के संबंधों पर इमरान खान की टिप्पणियों की अत्यधिक सराहना करता है और मानता है कि इमरान खान और अन्य लोगों चलते चीन-पाकिस्तान की दोस्ती प्रगाढ़ होगी।’

पाकिस्तान के चुनाव आयोग (इसीपी) ने शनिवार को सभी 270 नेशनल असेंबली सीटों के परिणाम जारी किए। पाकिस्तान में इमरान खान की पीटीआइ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उसके खाते में 116 सीटें रही। कहा जा रहा है कि 14 अगस्त से पहले इमरान खान पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

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